उत्तराखण्डकुमाऊं,गढ़वाल,

उत्तराखंड में शिक्षा महानिदेशक का फरमान, NO PASS-NO ENTRY का फरमान जारी

देहरादून न्यूज़– उत्तराखंड की विद्यालयी शिक्षा महानिदेशक झरना कमठान ने शिक्षा महानिदेशालय में बग़ैर पास के आने जाने वाले सभी की एंट्री बैन कर दी हैं।निदेशालय परिसर में विभिन्न संगठनों के द्वारा दिए जा रहें धरने सहित विभागीय शिक्षकों और कर्मचारियों की सक्षम स्तर तक न जाते हुए महानिदेशालय का रूख करने से शासकीय कार्यों पर पड रहें प्रतिकूल प्रभावो का हवाला देते हुए यह आदेश जारी किया गया हैं।

यह भी पढ़ें 👉  हल्द्वानी में भीषण सड़क हादसा, दौड़ता रहा ट्रक, टायरों से कटकर सड़क पर बिखरे युवक के शरीर के अंग, झाड़ू लगाकर बटोरे

 

शिक्षा महानिदेशक के इस आदेश के बाद महानिदेशालय के गेट पर दो पीआरडी के जवानो और दो कर्मचारियों की तैनाती की गई हैं।जब तक ऑनलाइन पास की व्यवस्था सुचारू होती हैं,उस अवधि तक गेट पर तैनात यह कर्मचारी मिलने वालो की सम्बंधित अधिकारी से गेट से दूरभाष पर वार्ता करवाने या विभागीय परिचय पत्र दिखाने पर एंट्री देंगे।

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड- गौला नदी से हो रहे भू कटाव को रोकने के लिए केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने करी पहल, किसे लिखा पत्र, पढ़े पूरी खबर…

 

शिक्षा महानिदेशक के इस फैसले से नाराज होकर राजकीय शिक्षक संघ उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष राम सिंह चौहान ने शिक्षा निदेशक के इस फैसले पर तीखी प्रतिक्रिया दी हैं।उन्होंने कहा कि वह हमेशा से ही निदेशालय में ताला मरवाने के पक्ष में रहें हैं,क्योंकि शिक्षा निदेशालय कर्मचारियों के हितों के लिए हैं,लेकिन शिक्षकों के हित में निदेशालय की ओर से कोई कार्य नहीं किया गया,लेकिन एंट्री वैन होने से उन्होंने शिक्षकों को इस दस्ता से मुक्त कर दिया हैं।

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड- सीएम धामी का सख्त एक्शन, कुमाऊं के इन तीन अफसरों पर गिरी गाज, दो सस्पेंड, तो एक को किया अटैच

 

 

उन्होंने महानिदेशक से मांग करते हुए कहा कि निदेशालय में तैनात सभी शिक्षक शिक्षिकाओं का अटैचमेंट समाप्त कर उन्हें अपने मूल कार्यालय के लिए अवमुक्त किया जाये,जिसके बाद शिक्षक कभी भी निदेशालय का रूख नहीं करेंगे।