उत्तराखण्डगढ़वाल,

देहरादून- IPS रचिता जुयाल ने दिया इस्तीफा, 10 साल की सेवा के बाद गृह मंत्रालय ने किया VRS मंजूर

देहरादून न्यूज़- उत्तराखंड में तैनात भारतीय पुलिस सेवा (IPS) की तेजतर्रार अधिकारी रचिता जुयाल ने पुलिस सेवा से विदाई ले ली है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उनका स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) आवेदन स्वीकार कर लिया है। करीब तीन महीने पहले, जून में उन्होंने इस्तीफे की अर्जी दी थी।

 

 

वर्तमान में रचिता जुयाल एसपी विजिलेंस के पद पर कार्यरत थीं। साल 2015 बैच की अधिकारी रचिता ने महज 10 साल की सेवा के बाद ही पुलिस विभाग को अलविदा कह दिया। अपनी ईमानदार और बेबाक कार्यशैली के लिए जानी जाने वाली रचिता ने विजिलेंस रहते हुए कई अहम घोटालों की जांच की और भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों पर शिकंजा कसकर उन्हें जेल तक पहुंचाया।

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यूपीएससी में हासिल की थी 215वीं रैंक

साल 2015 में उन्होंने UPSC परीक्षा पास कर 215वीं रैंक हासिल की थी। इसके बाद उन्हें IPS कैडर मिला और अल्मोड़ा व बागेश्वर जिले की एसपी के साथ-साथ वे राज्यपाल की एडीसी भी रहीं। पूर्व राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने उन्हें वर्ष 2020 में ADC नियुक्त किया था।

 

 

पिता भी रहे पुलिस सेवा में

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रचिता के पिता भी पुलिस सेवा से जुड़े रहे हैं। इसी प्रेरणा से उन्होंने UPSC की तैयारी की और सफलता हासिल की। पेशेवर कार्यकाल के साथ ही वे सोशल मीडिया पर भी काफी सक्रिय रहीं और अक्सर अपनी सोच व अनुभव साझा करती थीं।

 

 

प्यार और शादी की कहानी

रचिता जुयाल की निजी जिंदगी भी सुर्खियों में रही। उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए ही अपनी लव स्टोरी साझा की थी। कोरोना महामारी की दूसरी लहर में उनकी मुलाकात यशस्वी जुयाल से हुई, जो एक आर्टिस्ट और सोशल वर्कर हैं। दोनों में दोस्ती हुई, जो बाद में शादी तक पहुंची। यशस्वी मशहूर डांसर व टीवी होस्ट राघव जुयाल के भाई हैं।

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रचिता की कार्यशैली रही प्रेरणादायक

रचिता जुयाल अपने कड़े फैसलों और पारदर्शी छवि के लिए हमेशा चर्चाओं में रहीं। विजिलेंस में रहते हुए उन्होंने एक दरोगा को ट्रैप कर सलाखों के पीछे पहुंचाया और कई बड़े मामलों की निष्पक्ष जांच की।

 

 

अब इस्तीफे के बाद पुलिस विभाग में उनकी अनुपस्थिति जरूर महसूस की जाएगी।