उत्तराखण्डकुमाऊं,

देहरादून- दंगों में सार्वजनिक और निजी संपत्ति को होने वाले नुकसान पर धामी सरकार का होगा सख्त एक्शन, वसूली के लिए बनेगा सख्त कानून

उत्तराखंड– दंगा, हड़ताल और विरोध प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक और निजी संपत्ति को होने वाले नुकसान की भरपाई का कानून सोमवार को प्रस्तावित कैबिनेट बैठक में आ रहा है। पुष्कर सिंह धामी सरकार उत्तराखंड में अध्यादेश के जरिए लागू कर सकती है।

इस कानून के तहत संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई घटना के दिन वाले बाजार मूल्य के आधार पर उपद्रवियों से की जाएगी। विरोध प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक और निजी संपत्ति को निशाने पर लेने की प्रवृत्ति पर लगाम कसने के लिए गृह विभाग ने उत्तराखंड लोक एवं निजी संपत्ति क्षति वसूली कानून तैयार कर लिया है।

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इस सोमवार को प्रस्तावित कैबिनेट बैठक के एजेंट में रखा गया है। इस कानून के तहत उपद्रवियों से तय समय के भीतर नुकसान की सत प्रतिशत भरपाई की जाएगी। इसके अनुसार वसूली बाजार दर पर होगी, कुछ मामलों में यदि ट्रिब्यूनल को उचित लगता है।


तो हर्जाने की वसूली कुल लागत से दोगुनी तक हो सकती है। सूत्रों के अनुसार सरकार इस कानून को अध्यादेश के जरिए भी लागू कर सकती है।

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प्रस्तावित कानून के तहत नुकसान की भरपाई के लिए रिटायर्ड जिला जज के अध्यक्षता में स्वतंत्र ट्रिब्यूनल बनाया जाएगा। जिसे सिविल कोर्ट की शक्तियां प्रदान की जाएगी। सार्वजनिक संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई के लिए विभागाध्यक्ष घटना के 3 महीने की भीतर ट्रिब्यूनल के सामने अपील करेंगे।


प्रस्तावित कानून के तहत लोग निजी संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई के लिए भी दावा पेश कर सकते हैं। आवेदनकर्ता को कुल कितना मुआवजा दिया जाना है, यह स्वतंत्र मूल्यांकनकर्ता की रिपोर्ट पर निर्भर करेगा।

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मूल्यांकनकर्ता की नियुक्ति राज्य सरकार की ओर से तय पैनल में से की जाएगी। ट्रिब्यूनल फैसले के बाद आरोपी को एक माह के भीतर तय राशि जमा करनी होगी। ऐसा नहीं करने पर राजस्व वसूली की तर्ज पर नुकसान की वसूली होगी। आरोपी को जेल की सजा भी हो सकती है।