उत्तराखंड में गलत मूल्यांकन करने वाले विवि के परीक्षकों पर 10 साल तक के लिए रोक लगाई गई
देहरादून न्यूज़- उत्तराखंड के उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय में उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में गड़बड़ी की शिकायतों का संज्ञान लेते हुए बुधवार को कुलपति को जांच का निर्देश दिया और दोषी परीक्षकों पर दस साल तक मूल्यांकन पर रोक लगाने को कहा।
टिहरी जिले में स्थित विश्वविद्यालय में स्थाई परीक्षा नियंत्रक न होने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए मंत्री ने कुलपति को पद पर तत्काल नियुक्ति करने को कहा।
रावत ने यहां मीडिया को जारी एक बयान में विश्वविद्यालय में परीक्षा मूल्यांकन में हुई गड़बड़ी को ‘बड़ी चूक’ बताया और कहा कि प्रकरण की गंभीरता को देखते हुये विश्वविद्यालय के कुलपति को उसकी जांच के निर्देश दे दिये गए हैं।
उन्होंने कहा कि जांच में जो भी पहलू सामने आयेंगे, उसके मुताबिक ठोस कार्रवाई की जायेगी।
उन्होंने बताया कि उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में लापरवाही बरतने वाले परीक्षकों पर आगामी दस साल के लिये रोक लगाई जाएगी ताकि भविष्य में दोबारा ऐसी गलती न हो सके।
मंत्री ने विश्वविद्यालय में स्थाई परीक्षा नियंत्रक न होन पर नाराजगी जताई और विश्वविद्यालय के कुलपति को पद पर नियुक्ति के लिये शीघ्र विज्ञप्ति जारी करने को कहा ताकि विश्वविद्यालय में परीक्षाओं का आयोजन, पारदर्शी मूल्यांकन हो और परीक्षा परिणाम समय पर घोषित हो सकें।
विश्वविद्यालय की उत्तर पुस्तिकाओं में गड़बड़ी की बात उस समय सामने आई जब राज्य सूचना आयोग ने एक छात्र की शिकायत पर उत्तर पुस्तिकाएं तलब की।
उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में परीक्षकों ने जहां गलत जवाब पर भी अंक दे दिए वहीं कई उत्तरों को जांचा ही नहीं।
आयोग ने उत्तर पुस्तिकाओं के गैर जिम्मेदाराना मूल्यांकन के लिए विश्वविद्यालय के कुलसचिव को स्पष्टीकरण देने के निर्देश दिए हैं।