हल्द्वानी- यहाँ कोषाध्यक्ष के उम्मीदवार ने कॉलेज प्रशासन को नामांकन रद्द करने पर दी धमकी, जाने पूरा मामला
हल्द्वानी न्यूज़- एमबीपीजी कॉलेज और पुलिस प्रशासन में तब खलबली मच गई। जब कोषाध्यक्ष पद पर नामांकन करने वाले ऋतिक साहू ने प्राचार्य और छात्रसंघ चुनाव प्रभारी को पत्र लिखकर आत्महत्या की धमकी दे डाली।
कॉलेज प्रशासन को जारी पत्र में ऋतिक ने लिखा कि यदि उसका नामांकन रद्द किया गया तो वह आत्महत्या कर लेगा। पत्र जारी करने के बाद ऋतिक ने मोबाइल स्विच ऑफ किया। इसके बाद दिन में ऋतिक ने वीडियो जारी कर कहा कि सरकार के एक मंत्री द्वारा उसके नामांकन पर हस्तक्षेप कर रहे हैं। वह कॉलेज प्रशासन, प्राचार्य और चुनाव प्रभारी पर दबाव बना रहे हैं। यदि मेरा नामांकन रद्द होता है तो मेरी आत्महत्या का जिम्मेदार कॉलेज प्रशासन, सरकार के नेता, चुनाव अधिकारी और प्रशासन की होगी।
वही ऋतिक की आत्महत्या की धमकी के कारण नाम वापसी की समयावधि के बाद कॉलेज गेट के भीतर किसी भी छात्र और बाहरी व्यक्ति के घुसने पर पाबंदी लगा दी गई। नामांकन पत्रों की जांच के बाद शाम करीब साढ़े चार बजे महाविद्यालय के मुख्य गेट के बाहर वैध नामांकन सूची चस्पा की गई।
इस दौरान मौजूद प्रत्याशियों ने नामांकन सूची में अपने नाम की पुष्टि करने के बाद नारेबाजी की। शाम करीब पांच बजे कोषाध्यक्ष पद के उम्मीदवार ऋतिक साहू मुख्य गेट पर पहुंचे और सूची में नाम नहीं होने पर हंगामा करते हुए नामांकन सूची फाड़ दी और कॉलेज प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर दी। पुलिस ने ऋतिक को हिरासत में लिया और भोटिया पड़ाव चौकी ले गई।
वही भोटियापड़ाव चौकी प्रभारी कुमकुम धानिक ने बताया कि नामांकन सूची जारी होने के बाद कॉलेज गेट के बाहर हंगामा करने पर ऋतिक साहू को हिरासत में लिया गया था। मामले में माफी मांगने के बाद उसे छोड़ दिया गया है। इधर, घटना को लेकर ऋतिक साहू से बात करने की कोशिश की गई। लेकिन उन्होंने फिलहाल कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया।
वही कोषाध्यक्ष पद पर ऋतिक साहू के साथ ही उसके भाई सागर साहू ने भी नामांकन कराया था। ऋतिक के भाई सागर का नामांकन वैध पाया गया। अब कोषाध्यक्ष पद पर सागर साहू और सौरभ बिष्ट के बीच मुकाबला होगा। ऋतिक साहू का नामांकन पत्र खारिज करने के मुख्य चुनाव अधिकारी डॉ. सीएस नेगी ने तीन कारण बताए।
पहला कारण बीएससी तृतीय वर्ष की परीक्षा में फेल होना बताया गया। दूसरा कारण कुमाऊं विवि के निर्देशों के अनुसार अनुत्तीर्ण छात्र जो संकाय परिवर्तन करते हैं तो उन्हें चुनाव प्रत्याशी के रूप में छात्रसंघ चुनाव में प्रतिभाग करने का अवसर प्रदान नहीं किया जाएगा। तीसरा कारण सत्र 2022-23 में छात्र का शैक्षणिक वर्ष अवरोध होना बताया गया है।