यहाँ लुटेरी दुल्हन निकली एचआईवी संक्रमित, संपर्क में आए लोगों में बढ़ी दहशत, तीन में पाए गए लक्षण
- एनजीओ की सक्रियाता ने खोला एचआईवी पॉजिटिव महिला का मामला
- दिसंबर में टेस्ट कराई महिला निकली थी संक्रमित
- संपर्क में आए लोगों में दहशत का माहौल
रुद्रपुर न्यूज़- जागरूकता ही एचआईवी से बचाव है, लेकिन कुछ लोग इसे मानने को तैयार नहीं। खुद के साथ ही दूसरों की जिंदगी भी खतरे में डाल रहे। स्वास्थ्य विभाग की ओर से हर माह एचआईवी पॉजिटिव का फॉलोअप लिया जाता है। वहीं विभिन्न कैटेगरी में अलग अलग एनजीओ इसपर काम करती है। एनजीओ की सक्रियता से ही लूटेरी दुल्हन का मामला प्रकाश में आया है।
ऊधम सिंह नगर में अप्रैल 2022 से जनवरी 2024 तक सामान्य लोगाें में 9427 और 10968 गर्भवती महिलाओं सहित कुल 20 हजार 395 लोगों के एचआईवी टेस्ट किए गए थे। जिसमें से सामान्य में 136 और आठ गर्भवती महिलाओं सहित कुल 144 लोग एचआईवी पॉजिटिव मिले हैं। इसके बाद फरवरी में 2366 की जांच में 21 और मार्च में 1994 की जांच में 15 पॉजिटिव सहित जिले में इस समय कुल 180 लोग एचआईवी पॉजिटिव हैं।
स्वास्थ्य विभाग की टीम इनकी रिपोर्ट आने पर इन्हें हल्द्वानी एआरटी सेंटर में पंजीकृत कराती हैं। इसके बाद लिंक एआरटी सेंटर से इनका फालोअप और उपचार, दवाएं, काउंसलिंग की जाती है।
फीमेल सेक्स वर्कर, इंजेक्शन से हुए संक्रमित लोग या एमएसएम कैटेगरी इन तीनों को जागरूक करने, फालोअप के लिए कई संस्थाएं काम करती हैं। इन्हीं में से एक संस्था ने दिसंबर माह में एक महिला का रुद्रपुर में एचआईवी टेस्ट कराया था।
पॉजिटिव आने पर उसे संपर्क में रहने के लिए कहा गया और उसका मोबाइल नंबर भी लिया गया। दिसंबर के बाद से महिला को फालोअप के लिए कई बार प्रयास किया गया तो उसका मोबाइल बंद बताया। काफी खोजबीन करने पर महिला का यूपी के एक जेल में बंद होना मिला।
पिछले कुछ वर्षाें से जिले की एक महिला शादी के नाम पर धोखाधड़ी और गिराह में मिलकर चाेरी को अंजाम देती थी। नकली रिश्तेदार बनाकर लोगों को अपने जाल में फंसाकर शादी कर जेवरात, रुपये लेकर फरार हो जाती थी। जिसपर महिला को पकड़ लिया गया और वह जेल में बंद है। कुछ समय पहले भारत सरकार के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने इंडेक्स टेस्टिंग अभियान चलाया था। जिसमें महिला के संपर्क में आए कई लोगों की जांच कराई गई थी। उनमें से तीन लोग संक्रमित मिले हैं।
एचआईवी/ एड्स नियंत्रण कार्यक्रम नोडल अधिकारी डॉ. राजेश आर्या के अनुसार, दिसंबर में एक महिला जांच के बाद संक्रमित पाई गई थी लेकिन उसने इलाज नहीं कराया। अपील है कि जो भी व्यक्ति इस महिला के संपर्क में आया है वह अपनी जांच कराए। खुद के साथ ही औरों को सुरक्षित रखे। इसकी जांच, इलाज पूर्ण रुप से निशुल्क है।