उत्तर प्रदेश में परिवहन निगम की ओर से बरती जा रही सख्ती से रुके उत्तराखंड की बसों के पहिये, बिना परमिट के दौडने वाली 25 बसें नहीं भेजी गईं
उत्तर प्रदेश में परिवहन निगम की ओर से बरती जा रही सख्ती के चलते हल्द्वानी डिपो की ऐसी बसों के पहिये थम गए हैं जिन्हें बिना परमिट के दौड़ाया जा रहा था। निगम के अधिकारियों ने परमिट संबंधी सारी खामियां दूर कराने के निर्देश दिए हैं।
सोमवार को हल्द्वानी डिपो में परिवहन निगम के स्थानीय अधिकारियों ने यूपी परिवहन निगम के कई डिपो से संचालित होने वाली ऐसी बसों के खिलाफ अभियान चलाया था जो मानक पूरे किए बिना दौड़ रही थीं और दिल्ली की सवारियों को स्थानीय डिपो में अपनी बसों को खड़ी कर भर रही थीं। इसी क्रम में अब यूपी के परिवहन निगम के अधिकारियों ने भी उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों के खिलाफ सख्ती करनी शुरू कर दी है।
डिपो के सूत्रों ने बताया कि परमिट संबंधी औपचारिकताओं के पूरा नहीं होने के कारण सोमवार को 14 और मंगलवार को 10 बसें यूपी के विभिन्न रूटों पर नहीं भेजी जा सकीं। हल्द्वानी के सहायक महाप्रबंधक सुरेंद्र सिंह बिष्ट ने बताया कि परमिट संबंधी औपचारिकताएं अभी पूरी नहीं हो पाई हैं जिस कारण यह समस्या आई है लेकिन इसका समाधान कराया जा रहा है। वहीं परिवहन निगम के महाप्रबंधक दिलीप जैन ने बताया कि सभी डिपो प्रबंधकों को एक भी बस बिना रूट परमिट के नहीं भेजने को निर्देशित किया गया है। हालांकि स्थानीय अधिकारी बिना रूट परमिट के बसों को भेजने को सामान्य बात बताते हैं।
नई वाॅल्चो बसों के भी परमिट नहीं, ऐसे ही चल रहीं
उत्तराखंड परिवहन निगम की कार्यप्रणाली का अंदाजा इसी से लगा जा सकता है कि इसी महीने हल्द्वानी डिपो को अनुबंध वाली व्यवस्था के तहत मिली पांच नई वॉल्वो बसों को भी बिना परमिट के ही केवल ड्यूटी स्लिप के चलाया जा रहा है। इन पांचों बसों का संचालन हल्द्वानी से दिल्ली रोड पर किया जा रहा है लेकिन इनमें से एक भी बस का विधिवत परमिट नहीं बन पाया है।
वही हल्द्वानी डिपो की यातायात अधीक्षक दया जोशी ने स्वीकारा कि इन बसों के अभी तक परमिट नहीं मिले हैं। परमिट के लिए देहरादून स्थित मुख्यालय में आवेदन किया गया है। जल्दी हीं पांचों बसों के विधिवत परमिट मिल जाएंगे।