उत्तराखंड- गरुड़ में दो महिला प्रधानों सहित ग्रामीणों पर हत्या का मुकदमा हुआ दर्ज, जांच शुरू
- 03 नवंबर को पेड़ पर संदिग्ध हालत में लटकी मिली थी युवती।
गरुड़ (बागेश्वर)- राजस्व क्षेत्र के दाबू गांव में बीती तीन नवंबर को हुई 18 वर्षीय युवती हेमा बिष्ट की संदिग्ध हालात में मौत मामले में सोमवार को बड़ी कार्रवाई हुई। चमोली से पहुंची मृतका की नानी की तहरीर पर राजस्व पुलिस ने दाबू की प्रधान सरिता देवी और पय्या गांव की प्रधान अंजू देवी सहित दाह संस्कार में शामिल अन्य ग्रामीणों के खिलाफ सामूहिक रूप से एकत्र होकर हत्या का मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। आरोप है कि ग्रामीणों ने आपस में बैठक कर बिना पोस्टमार्टम के ही शव का अंतिम संस्कार कर दिया।
क्षेत्र के पटवारी कुंदन प्रसाद ने बताया मृतका हेमा की नानी गीता देवी पत्नी पूरन सिंह, निवासी देवाल, जिला चमोली ने मामले में तहरीर दी है। तहरीर में बताया कि उनकी 18 वर्षीय नातिन हेमा बिष्ट पुत्री प्रेम सिंह, निवासी दाबू का शव बीती तीन नवंबर को घर के पास जंगल में एक पेड़ में लटका मिला था। गीता देवी को शक है कि उनकी नातिन के साथ कोई अप्रिय घटना घटी, जिसके बाद गांव के ही कुछ लोगों ने उसकी हत्या कर शव को पेड़ से लटका दिया। मामले को आत्महत्या बताकर राजस्व पुलिस को सूचना तक नहीं दी और पोस्टमार्टम भी नहीं कराया।
यह भी आरोप है कि दाबू के ग्रामीणों और मृतका के परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार के लिए गांव में एक बैठक बुलाई। तीन नवंबर को ही बैठक में शव का अंतिम संस्कार गांव के घाट में कर दिया गया। पटवारी ने बताया मामले में तहरीर के आधार पर ग्राम प्रधान दाबू और पय्या और दाह संस्कार में शामिल लोगों के खिलाफ धारा 103 /238 64 बी बीएनएस के तहत प्राथमिकी दर्ज कर जांच की जा रही है। वहीं,पूरे मामले में मुकदमा दर्ज कराने के लिए गीता ने हल्द्वानी निवासी एक सामाजिक कार्यकर्ता खिलाफ सिंह की मदद ली।
नानी का आरोप, षड़यंत्र रचकर की गई हत्या
गीता देवी ने बताया कि उनकी बेटी और हेमा की मां नंदी का स्वर्गवास हो चुका है। घटना के दिन उन्होंने हेमा के दादा से फोन कर कहा था कि जब तक वह और उनके परिजन नहीं आ जाते, शव का अंतिम संस्कार नहीं कराया जाए। इसके बाद भी षड़यंत्र रचकर अंतिम संस्कार कर दिया गया।