उत्तराखंड- मंडी समिति में रिश्वतखोरी का भंडाफोड़: प्रभारी सचिव 1.20 लाख की रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार

हल्द्वानी न्यूज- फल-सब्जी मंडी समिति में भ्रष्टाचार का बड़ा मामला सामने आया है। मंडी समिति के प्रभारी सचिव पूरन सिंह सैनी को विजिलेंस टीम ने 1.20 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया है। यह रिश्वत दुकानों के लाइसेंस रिन्यूवल के नाम पर मांगी गई थी, जबकि सरकारी फीस महज 250 रुपये निर्धारित है।
जानकारी के अनुसार, ग्राम सरवरखेड़ा निवासी मंडी समिति के अध्यक्ष शफायत चौधरी और शकील चौधरी की मंडी में पिछले 9-10 वर्षों से दुकानें हैं। दोनों ने अन्य दुकानदारों के साथ लाइसेंस नवीनीकरण के लिए आवेदन किया था। इसी प्रक्रिया में प्रभारी सचिव पूरन सिंह सैनी ने उनसे 60-60 हजार रुपये की मांग की। सैनी फिलहाल मंडी समिति के प्रभारी सचिव हैं और इससे पहले करीब 15-20 साल तक अकाउंटेंट पद पर कार्यरत रह चुके हैं।
शिकायतकर्ताओं के अनुसार, सुविधा शुल्क की लगातार मांग के बावजूद जब उनकी बात नहीं सुनी गई, तो उन्होंने भ्रष्टाचार निरोधक हेल्पलाइन नंबर 1064 पर शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद मंगलवार शाम करीब साढ़े चार बजे हल्द्वानी से पहुंची विजिलेंस टीम ने मंडी समिति कार्यालय में छापा मारते हुए सैनी को रिश्वत की रकम लेते रंगेहाथ पकड़ लिया।
सूत्रों के अनुसार, पूरन सिंह सैनी करीब 7-8 महीने में सेवानिवृत्त होने वाले थे और दो महीने पहले ही उन्होंने प्रभारी सचिव का कार्यभार संभाला था। गिरफ्तारी के बाद विजिलेंस टीम ने सैनी और शिकायतकर्ताओं से देर रात तक पूछताछ की। मामले की जानकारी फैलते ही मंडी परिसर में हड़कंप मच गया और बड़ी संख्या में आढ़ती व कर्मी मंडी कार्यालय के बाहर एकत्र हो गए। पुलिस ने किसी को भी अंदर जाने की अनुमति नहीं दी।
समिति के दुकानदारों ने बताया कि लाइसेंस रिन्यूवल की वास्तविक फीस 250 रुपये है, लेकिन भ्रष्टाचार के चलते फल मंडी में 60 हजार और अनाज मंडी में 35 हजार रुपये तक वसूले जाते हैं। दुकानदारों ने पहले भी पूरन सिंह सैनी पर रिश्वतखोरी के आरोप लगाए थे, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
वर्तमान में विजिलेंस टीम आरोपी से पूछताछ कर रही है और इस पूरे भ्रष्टाचार चक्र से जुड़े अन्य पहलुओं की भी जांच की जा रही है। अभी तक विजिलेंस की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
