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देहरादून- शिक्षा विभाग में अवकाश के लिए नई गाइडलाइन तय, अब छुट्टी चाहिए तो 15 दिन पहले लगानी होगी अर्जी

देहरादून न्यूज़- उत्तराखंड में शिक्षा विभाग ने छुट्टियों को लेकर गाइडलाइन तय कर दी। अब से उपार्जित अवकाश (ईएल), बाल्य देखभाल अवकाश (सीसीएल) और दीर्घ अवकाश के लिए 15 दिन पहले तक निदेशालय में आवेदन करना होगा। यदि कोई शिक्षक, कर्मचारी या अधिकारी बिना अनुमति मिले अवकाश पर जाता है तो उसका वेतन भी रोक दिया जाएगा और साथ ही अनुशासनात्मक कार्यवाही भी होगी।

 

मंगलवार को माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. मुकुल कुमार सती ने बताया कि छुट्टियों को लेकर सभी सीईओ को दिशानिर्देश जारी कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि नियमानुसार अवकाश लेने का दावा अधिकार के रूप में नहीं किया जा सकता। किसी भी अवकाश को रद्द करने या अस्वीकार करने का अधिकार अवकाश देने वाले अधिकारी का पास सुरक्षित रखा गया है।

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डॉ. सती के अनुसार अब से कार्मिकों को अवकाश की अवधि शुरू होने से पंद्रह दिन पहले ही निदेशालय को आवेदन करना होगा। बिना मंजूरी मिले न तो अधिकारी अवकाश पर जाएंगे और न ही अपना कार्यभार किसी दूसरे अधिकारी को देंगे।

 

 

देहरादून– प्रशिक्षण पूरा होने के बावजूद शासन उप शिक्षा अधिकारियों की पोस्टिंग नहीं कर पाया। अब इन 25 उपशिक्षा अधिकारियों को विद्यालय भ्रमण के नाम पर ब्लॉक आवंटित कर दिए गए हैं।

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दीक्षा बेलवाल हल्द्वानी, तनुजा देवराड़ी थराली, प्रशांत कुमार भैसियांछाना, अजित सिंह कर्णवाल बहादराबाद, भूपेंद्र ढौंडियाल रायपुर, संजय कुमार भट्ट कोटाबाग, प्रज्ञानंद पलिहा रुद्रपुर, संस्कार त्रिपाठी डोईवाला, राशि बुधलाकोटी गदरपुर, राजा रजनीश कर्ण भगवानपुर, नेहा सहसपुर, राजेश कुमार अटवाल सितारगंज, सौरभ पांडेय नरेंद्रनगर, भारती गैरोला डुंडा, सुनील सिंह कार्की कालसी, योगेंद्र प्रसाद कर्णप्रयाग, मनोज कुमार जोशी नारसन, कमल भट्ट बाजपुर, अंजली चंद खटीमा, नीरज अधिकारी ताड़ीखेत, शिवानी कौशल विकासनगर, रवि कुमार-रुड़की, किरन नेगी चंबा और हिमांशु बिष्ट बेतालघाट भेजे गए हैं।

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इसलिए तय की गाइडलाइन

कुछ समय से देखा जा रहा था कि कई कार्मिक अवकाश मंजूर हुए बिना ही तैनाती स्थल छोड़ दे रहे थे। कई अधिकारियों के आवेदन तब आए, जब वो अपनी छुट्टी काट कर भी आ चुके थे। सूत्रों के अनुसार हर साल करीब 700 से ज्यादा अधिकारी, शिक्षक-कर्मचारी विभिन्न अवकाश पर रहते हैं।