उत्तराखण्डकुमाऊं,

उत्तराखंड पंचायत चुनाव में नया मोड़: चंपावत की निर्वाचित प्रधान ने खुद मानी हार, दोबारा होगी मतगणना

चंपावत न्यूज- उत्तराखंड के चंपावत जिले में पंचायत चुनावों के बाद एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। ग्राम पंचायत तरकुली-67 की प्रधान पद पर निर्वाचित घोषित की गई काजल बिष्ट ने चुनाव परिणाम को लेकर खुद ही सवाल खड़े कर दिए हैं। उनका कहना है कि वे दरअसल चुनाव हार गई हैं, जबकि दूसरा प्रत्याशी सुमित सिंह चुनाव जीते हैं।

 

 

निर्वाचन आयोग की वेबसाइट के अनुसार काजल बिष्ट को 106 और सुमित सिंह को 103 वोट मिले थे। इस आधार पर काजल को तीन मतों से विजयी घोषित कर दिया गया। लेकिन परिणाम घोषित होते ही विवाद ने तूल पकड़ लिया। विरोधी प्रत्याशी और उनके समर्थकों ने आरोप लगाया कि यह परिणाम गलत है और प्रशासन व रिटर्निंग ऑफिसर (RO) ने जानबूझकर गड़बड़ी की है।

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हैरानी की बात यह रही कि खुद काजल बिष्ट ने भी जीत का प्रमाण पत्र लेने से इनकार कर दिया और अपने प्रतिद्वंदी को विजेता घोषित करने की मांग कर दी। स्थानीय लोगों का कहना है कि काजल और उनके परिवार पर किसी तरह का दबाव बनाया गया है, जिसकी वजह से वे अपनी वैधानिक जीत को स्वीकार नहीं कर रही हैं।

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मामले ने जब जोर पकड़ा तो जिला प्रशासन ने जांच के आदेश दिए और अब पूरे मामले की दोबारा मतगणना कराई जाएगी। प्रशासन का कहना है कि एक महीने के भीतर नई मतगणना कर परिणाम घोषित कर दिए जाएंगे।

 

 

यह मामला मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के गृह जनपद से जुड़ा होने के कारण और भी चर्चा में आ गया है। सोशल मीडिया से लेकर स्थानीय मीडिया तक, हर जगह इस अनोखे घटनाक्रम की चर्चा हो रही है।

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गांव के विकास की बजाय अब पंचायत चुनाव की निष्पक्षता पर सवाल खड़े हो गए हैं, जो प्रशासनिक कार्यप्रणाली पर भी एक बड़ा प्रश्नचिह्न है। ग्रामीण क्षेत्र में लोकतंत्र की इस पेचीदा स्थिति ने सभी को चौंका दिया है।