नैनीताल- भीमताल बस सड़के हादसे में एक और मौत, नर्सिंग की छात्रा ने अस्पताल में तोड़ा दम
हल्द्वानी न्यूज़- भीमताल बस हादसे में घायल हुई पिथौरागढ़ नर्सिंग कॉलेज की एक छात्रा ने डॉ. सुशीला तिवारी अस्पताल में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया है। हादसे में मारने वालों की संख्या अब पांच हो गई है। एक घायल को हल्द्वानी से एम्स के लिए एयरलिफ्ट करने की तैयारी की जा रही है। बाकी घायलों का डॉ. सुशीला तिवारी अस्पताल और शहर के निजी अस्पतालों में उपचार चल रहा है।
तय रूट की बजाय दूसरे से आ रही थी बस
भीमताल से पहले हादसे का शिकार हुई बस का रूट ये नहीं था। हल्द्वानी से वाया ज्योलीकोट, भवाली और अल्मोड़ा होकर इस बस को पिथौरागढ़ मार्ग पर चलाया जाता था। लेकिन अल्मोड़ा हाईवे पर क्वारब के पास भूस्खलन की वजह से रूट बदला गया। मगर हल्द्वानी पहुंचने से पहले बड़ा हादसा हो गया। परिवहन निगम की अल्मोड़ा और पिथौरागढ़ सेवा क्वारब के पास भूस्खलन की वजह से घूम कर जा रही है।
हादसे की वजह जानने को पहुंची परिवहन विभाग की टीम
आरटीओ प्रवर्तन डॉ. गुरदेव सिंह के नेतृत्व में परिवहन विभाग की टीम मौके पर पहुंची थी। विभाग के अनुसार घटनास्थल के पास सड़क की स्थिति ठीक मिली। तीखा मोड़ भी नहीं था। पैराफिट बस की टक्कर से ही टूटा था। ऐसे में हादसे की वजह स्पष्ट करने के लिए टीम चालक से भी पूछताछ करेगी। आरटीओ डा. गुरदेव ने बताया कि घायल होने की वजह से अभी उसे जानकारी नहीं ली जा सकी।
मासूम का नहीं रहा साथ, बेसुध मां को दो घंटे तक खोजते रहे स्वजन
भीमताल बस हादसे ने यात्रियों के स्वजन में बदहवास जैसी स्थिति पैदा कर दी। इस दौरान एक ऐसी हृदय विदारक घटना भी देखने को मिली, जिसमें चार वर्षीय मासूम दक्ष ने घटनास्थल पर ही दम तोड़ दिया था और मां गंभीर रूप से घायल हो गई। इस घटना की सूचना पर स्वजन अस्पताल में मां को खोजने के लिए काफी देर तक भटकते रहे। बुधवार को पौने दो बजे बस दुर्घटना हुई थी। इसमें पिथौरागढ़ की नेहा पंत भी सवार थी। वह अपने चार वर्षीय बच्चे संग हल्द्वानी आ रही थी। पति किसी काम से धारचूला गए हुए थे। जब घटना की सूचना मिली तो शहर से उनके स्वजन भी अस्पताल पहुंच गए। बच्चे के निधन की सूचना मिल गई थी, लेकिन वे नेहा को खोजने लगे।
अस्पताल में पहुंचने तक उसका नाम पता नहीं चला था। वह मूर्छित अवस्था में थी। चेहरे से लेकर पीठ आदि हिस्सों में चोट लगी है। जब पता चला कि उसे आइसीयू में भर्ती किया है तो वह देखने पहुंचे। इसके बाद अस्पताल प्रशासन से लेकर सिटी मजिस्ट्रेट से बेहतर इलाज के लिए अनुरोध करने लगे। सिटी मजिस्ट्रेट एपी बाजपेयी ने कहा कि बेहतर इलाज देने का प्रयास किया जा रहा है।