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उत्तराखंड- मुख्यमंत्री कार्यालय में अधिकारियों की जिम्मेदारियां बदलीं, कार्य विभाजन का आदेश हुआ जारी

उत्तराखंड में मुख्यमंत्री कार्यालय और सचिवालय में बड़े स्तर पर अधिकारियों की जिम्मेदारियों में बदलाव किया गया है। प्रमुख सचिव से लेकर अपर सचिव मुख्यमंत्री स्तर के अधिकारियों के कार्य विभाजन को लेकर आदेश जारी कर दिया गया है।

इस नई व्यवस्था का उद्देश्य मुख्यमंत्री कार्यालय के कामकाज को अधिक व्यवस्थित और प्रभावी बनाना है। मुख्यमंत्री कार्यालय में प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, सचिव शैलेश बगौली, विनय शंकर पांडे, सुरेंद्र नारायण पांडे और अपर सचिव जगदीश चंद्र कांडपाल के बीच विभागों और कार्यों का पुनर्विभाजन किया गया है। यह आदेश मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रमुख सचिव द्वारा जारी किया गया।

प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री आरके सुधांशु को कई अहम विभागों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसमें वित्त, कार्मिक, गृह, लोक निर्माण विभाग, औद्योगिक विकास, आवास और परिवहन जैसे महत्वपूर्ण विभाग शामिल हैं। इसके अलावा, अन्य राज्यों और न्यायपालिका से संबंधित प्रकरणों का निस्तारण भी उनके कार्यक्षेत्र में रहेगा। मुख्यमंत्री कार्यालय के महत्वपूर्ण पत्राचार और नीतिगत मामलों का निस्तारण भी उनकी जिम्मेदारी होगी।

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सचिव मुख्यमंत्री शैलेश बगौली को ऊर्जा, कृषि, विद्यालय शिक्षा, पर्यटन, सिंचाई, वन और खेल विभागों की जिम्मेदारी दी गई है। उनके कार्यों में मंत्रिपरिषद के स्तर पर समन्वय, राजभवन से संबंधित प्रकरण और मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र की समीक्षा जैसे कार्य भी शामिल हैं। इन विभागों में प्रमुख नीतिगत फैसलों और पत्रावलियों का निस्तारण उनकी देखरेख में होगा।

सचिव शंकर पांडे को मिली इन विभागों की जिम्मेदारी
सचिव मुख्यमंत्री विनय शंकर पांडे को आबकारी और खनन विभागों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके अतिरिक्त, उनके पास राज्य संपत्ति, आपदा प्रबंधन, शहरी विकास, महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास, सचिवालय प्रशासन, सूचना, राजस्व, श्रम और पेयजल जैसे विभाग भी हैं। वे विधायकों और सांसदों से समन्वय, जिला अधिकारियों के साथ संपर्क और मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से संबंधित मामलों को भी देखेंगे।

सचिव मुख्यमंत्री सुरेंद्र नारायण पांडे को सहकारिता, पशुपालन, स्वास्थ्य, पंचायती राज और ग्रामीण विकास जैसे विभाग सौंपे गए हैं। वे सरकारी विभागों द्वारा विभिन्न आयोगों में नियुक्तियों के लिए भेजे जाने वाले अधियाचन और मुख्यमंत्री की बैठकों के एजेंडा से संबंधित मामलों का निस्तारण करेंगे। इन विभागों के साथ ग्रामीण क्षेत्रों के विकास से जुड़े मुद्दों पर भी उनकी विशेष नजर रहेगी।

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अपर सचिव जगदीश चंद्र कांडपाल को मिला ये विभाग
अपर सचिव मुख्यमंत्री जगदीश चंद्र कांडपाल को उद्यान, समाज कल्याण, संस्कृति, धर्मस्व, रेशम और न्याय विभागों की जिम्मेदारी दी गई है। इसके साथ ही, मुख्यमंत्री के राजधानी से बाहर होने वाले प्रवास और भ्रमण कार्यक्रमों का समन्वय और प्रोटोकॉल से जुड़े कार्य भी वे संभालेंगे। इन विभागों में पत्रावलियों का निस्तारण और योजनाओं का समुचित क्रियान्वयन सुनिश्चित करना उनके मुख्य कार्य होंगे।

जारी आदेश के अनुसार, मुख्यमंत्री कार्यालय में तैनात अधिकारियों के बीच आपसी सहयोग के लिए लिंक अधिकारी भी नियुक्त किए गए हैं। प्रमुख सचिव आरके सुधांशु और सचिव शैलेश बगौली को आपस में लिंक अफसर बनाया गया है। इसी प्रकार, सचिव विनय शंकर पांडे और सुरेंद्र नारायण पांडे को लिंक अधिकारी नामित किया गया है। यह व्यवस्था अधिकारियों के कार्यों में तालमेल और आपात स्थितियों में कामकाज की सुगमता सुनिश्चित करेगी।

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उत्तराखंड जैसे पर्वतीय राज्य में विभागीय कामकाज के लिए अधिकारियों के समक्ष कई चुनौतियां हैं। प्रमुख सचिव और सचिव स्तर के अधिकारियों को न केवल अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करना है, बल्कि विभिन्न विभागों के बीच समन्वय भी सुनिश्चित करना है। इस कार्य विभाजन से उम्मीद है कि राज्य की प्रशासनिक कार्यक्षमता में सुधार होगा और जनहित से जुड़े निर्णयों में तेजी आएगी।

प्रशासनिक सुधार की दिशा में एक ठोस कदम
मुख्यमंत्री कार्यालय में अधिकारियों की जिम्मेदारियों का यह पुनर्विभाजन प्रशासनिक सुधार की दिशा में एक ठोस कदम है। इससे न केवल विभागीय कामकाज में पारदर्शिता आएगी, बल्कि योजनाओं और नीतियों के प्रभावी क्रियान्वयन में भी मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री कार्यालय और सचिवालय में इस नई व्यवस्था के लागू होने से उत्तराखंड सरकार की जनहितकारी योजनाओं को धरातल पर उतारने में और तेजी आने की उम्मीद है।