उत्तराखंड- यहाँ युवक की रेबीज से मौत, कुत्ते के काटने के छह माह बाद दिखे गंभीर लक्षण


देहरादून न्यूज़– राजधानी में रेबीज का एक दर्दनाक मामला सामने आया है। सोमवार सुबह करीब सात बजे एक 30 वर्षीय युवक की मौत हो गई। युवक को पहले दून अस्पताल लाया गया था, जहां रेबीज के गंभीर लक्षण दिखने के बाद उसे एम्स ऋषिकेश रेफर किया गया। हालत में सुधार न होने पर परिजन उसे एक निजी अस्पताल ले गए, जहां उसने दम तोड़ दिया।
दून अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. रविंद्र सिंह बिष्ट ने बताया कि मरीज को पानी और उजाले से डर लग रहा था, उसके मुंह से लगातार लार गिर रही थी और तीव्र आक्रामकता के लक्षण भी दिखाई दे रहे थे। ये सभी लक्षण रेबीज के गंभीर चरण को दर्शाते हैं।
मृतक की मां शशि शर्मा ने बताया कि छह महीने पहले युवक को कुत्ते ने काटा था, लेकिन उस समय उसने एंटी रेबीज वैक्सीन नहीं लगवाई थी। दून अस्पताल में करीब तीन घंटे इलाज के बाद हालत बिगड़ने पर उसे एम्स ऋषिकेश भेजा गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद भी स्थिति गंभीर बनी रही। इसके बाद परिजन उसे निजी अस्पताल ले गए, लेकिन सोमवार सुबह उसकी मौत हो गई।
रेबीज का नहीं है कोई उपचार
डॉ. आरएस बिष्ट के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति रेबीज की चपेट में आ जाए तो उसका कोई इलाज नहीं है। ऐसे में समय पर एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाना ही बचाव का एकमात्र तरीका है।
बढ़ रहे कुत्ते के काटने के मामले
दून अस्पताल के आपात चिकित्सा अधिकारी डॉ. अमित अरुण ने बताया कि अस्पताल में हर दिन करीब 35 लोग एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाने पहुंचते हैं। इनमें से 10 से 12 लोग गंभीर रूप से घायल होते हैं, जिन्हें वैक्सीन के साथ एंटी रेबीज सीरम भी देना पड़ता है। इन दिनों कुत्तों के काटने के मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिली है।

