गौला के शीश महल गेट से खनन शुरू, पहले दिन 92 वाहनों ने किया रेत का परिवहन, गौला संघर्ष समिति व शीशमहल गेट के वाहन स्वामियों के बीच में यह बात हुई तय।
हल्द्वानी(हरीश पनेरू)
एक प्रदेश एक रॉयल्टी सहित विभिन्न मांगों को लेकर गोला संघर्ष समिति विगत 3 माह से आंदोलनरत हैँ, मगर शुक्रवार 6 जनवरी को गौला निकासी को लेकर शीशमहल खनन गेट पर तब हंगामा हो गया जब शीशमहल गेट के वाहन स्वामी खनन निकासी गेट में उपखनिज निकासी को पहुंचे, तय कार्यक्रम के अनुसार गोला संघर्ष समिति के लोग भी निकासी को रोकने के लिए वहां पहुंच गए। विवाद की जानकारी मिलते ही मौके पर पुलिस पहुंच गई। बाद में गौला से सिर्फ रेते की निकासी पर सहमति बनी। तय किया गया कि कोई भी वाहन आरबीएम नहीं निकालेगा। पहले दिन 92 वाहनों से रेते की निकासी की गई।
एक प्रदेश एक रॉयल्टी की मांग को लेकर गौला खनन संघर्ष समिति के बैनर तले खनन कारोबारी और वाहन स्वामी आंदोलन पर हैं। तीन माह बीतने के बाद भी खनन के गौला के करीब 7000 व नंधौर के लगभग 3500 वाहन शोपीस खड़े हैं। प्रशासन और सरकार के तमाम प्रयास के बाद भी गौला से खनन निकासी नहीं हो पाई है। शुक्रवार को कुछ वाहन गौला से खनन निकासी के लिए पहुंच गए। जानकारी मिलने पर गौला खनन संघर्ष समिति के पदाधिकारी भी मौके पर पहुंच गए। खनन निकासी को लेकर वाहन चालकों और और समिति सदस्यों के बीच विवाद हो गया। विवाद बढ़ने पर मौके पर पुलिस पहुंच गई। वाहन चालकों ने रोजगार का हवाला देते हुए खनन निकासी करने की बात कही, वहीं संघर्ष समिति मांग पूरी होने तक खनन निकासी नहीं करने की बात पर अड़ी रही। आंखिरकार पुलिस की मौजूदगी में सिर्फ रेते की निकासी करने की बात पर सहमति बनी। पहले दिन 92 वाहनों से निकासी हुई। इस दौरान हुए प्रदर्शन में संघर्ष समिति संयोजक रमेश चंद्र जोशी, जीवन कबड़वाल, मनोज मठपाल, हेम दुर्गापाल, रमेश जोशी, हरीश पांडे, इंदर सिंह, कविद्र कोरंगा, सुरेश जोशी आदि मौजूद रहे।