उत्तराखण्डगढ़वाल,

उत्तराखंड- (बड़ी खबर) अंकिता हत्याकांड मामले में सजा का ऐलान, तीनों आरोपियों को उम्रकैद की सजा, पीड़िता को 4 लाख का मुआवजा

अंकिता भंडारी हत्याकांड में आज कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए तीनों आरोपियों को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके साथ ही कोर्ट ने पीड़ित पक्ष को 4 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश सरकार को दिया है।

मामले में करीब 2 साल और 8 महीने तक सुनवाई चली। ऐसे में आज कोटद्वार कोर्ट के फैसले पर सभी की नजरें टिकी हैं। सुनवाई के दौरान करीब 97 गवाह पेश किए गए। तीनों आरोपियों के नाम पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता है।

 

 

 

बता दें कि अंकिता भंडारी हत्याकांड ने पूरे देश को झकझोर दिया था। 19 साल की अंकिता भंडारी की हत्या का दोषी वह होटल का मालिक था जिसमें वह काम करती थी। उत्तराखंड के पौड़ी जिले के यमेश्वर ब्लाॅक की 19 साल की अंकिता भंडारी की 18 सितंबर 2022 को हत्या कर दी गई थी। अंकिता यमकेश्वर ब्लाॅक में बने वनतारा रिजाॅट में रिसेप्शनिस्ट का काम करती थी। यहीं से वह गायब हो गई थी।

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड- यहाँ लिव इन रिलेशनशिप में रह रही अल्मोड़ा निवासी युवती ने की आत्महत्या, मौके पर मिला सुसाइड नोट

 

 

पुलिस के अनुसार रिजाॅर्ट संचालक पुलकित आर्य ने अपने दो कर्मचारियों के साथ मिलकर अंकिता को चीला नहर में धक्का देकर हत्या कर दी थी। पुलिस की जांच में सामने आया कि रिजाॅर्ट में ठहरे एक वीआईपी को अंकिता ने एक्स्ट्रा सर्विस देने से मना कर दिया था। इसी विवाद के चलते उसकी हत्या कर दी गई थी। मामले में बीजेपी के पूर्व नेता का बेटा पुलकित आर्य और उसके दो सहयोगी फिलहाल जेल में बंद है।

यह भी पढ़ें 👉  Republic Day 2025: उत्‍तराखंड के इन 53 पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों को मिलेगा पदक, यहां देखें पूरी लिस्‍ट

 

 

 

ऋषिकेश के पास स्थित वनतारा रिजाॅर्ट में रिसेप्शनिस्ट के रूप में काम करने वाली 19 साल की अंकिता 18 सितंबर 2022 को गायब हो गई थी। पांच दिन बाद उसका शव चिल्ला नहर से बरामद किया गया था। मामला सामने आने के बाद रिजाॅर्ट के मालिक पुलकित आर्य ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी।

यह भी पढ़ें 👉  लालकुआँ- प्रदेश के 52 हजार दूध उत्पादकों के लिए खुशखबरी

 

 

 

पुलकित आर्य पर आईपीसी की धारा 302, 201, 354ए और अनैतिक देह व्यापार निवारण एक्ट के तहत आरोप तय हुए थे। मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित की गई थी। जिसने 500 से ज्यादा पन्नों की चार्जशीट दाखिल की। वहीं अभियोजन पक्ष की ओर से 47 गवाहों को पेश किया था।