उत्तराखंड DGP की दो टूक, कहा- ‘अपराधी उत्तराखंड को ना समझे सॉफ्ट टारगेट, जरुरत पड़ी तो होगा एनकाउंटर’
- अगले तीन वर्ष में पुलिस को बनाया जाएगा इको फ्रैंडली
- पुलिस की प्राथमिकता नागरिक सुरक्षा
अल्मोड़ा न्यूज़- पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार ने कहा कि अपराधी उत्तराखंड को सॉफ्ट टारगेट ना समझें। जघन्य अपराध करने वाले को जरुरत पड़े तो एनकाउंटर भी किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि तीन वर्ष के अंदर पर्वतीय क्षेत्र की परिस्थिति को देखते हुए जल्द ही मित्र पुलिस को इको फ्रैंडली पुलिस भी बनाया जा रहा है। जिसके लिए 20 करोड़ का प्रस्ताव शासन को भेज दिया है।
पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार ने पत्रकार वार्ता में प्रदेश के कानून व्यवस्था को लेकर कहा कि अपराध का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए। पुलिस की प्राथमिकता नागरिक सुरक्षा है।
गैरसैण विधानसभा सत्र में पुलिस पर जो सवाल उठे उन पर भी जांच की जा रही है। अगर कोई दोषी पाया जाता है तो कार्रवाई होगी। जिस पर पूर्ण मनोयोग से वह कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि पुलिस फोर्स में अधिकारियों व कर्मचारियों की कमी को धीरे-धीरे दूर किया जा रहा है।
पुलिस फोर्स में वर्तमान में 28 हजार जवान व अधिकारी है। चार हजार जवानों की कमी है। प्रोन्नत पुलिस क्षेत्राधिकारी भी मिलने वाले हैं। जल्द जिले में एक एडीशनल एसपी की तैनाती की जाएगी। उन्होंने कहा कि अब उत्तरप्रदेश पैटर्न पुराना हो चुका है।
अब उत्तराखंड के थाने, चौकियों में पुलिस कर्मियों की संख्या बढ़ाई जा रही है। इसके लिए तीन स्तर मैदानी क्षेत्र के नगर व ग्रामीण कस्बे और पर्वतीय क्षेत्र के कस्बों में स्थित थानों में वहां की जरुरत के अनुसार पुलिस कर्मियों की तैनाती की जाएगी।
डीजीपी अभिनव ने कहा कि पुलिस के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया जा रहा है। नई भारतीय न्याय संहिता के अनुसार प्रत्येक थाने में अगले तीन वर्षों में फारेंसिक टीम की तैनाती कर दी जाएगी। जिसके लिए तेजी से कार्य किया जा रहा है। महिला अपराधों को रोकने के लिए विशेष कार्य किए जा रहे हैं।
हर थाने में अगल डेस्क बनाया जाएगा ताकि शिकायत के लिए पहुंचने वाली महिला को किसी प्रकार की दिक्कत ना हो सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश ने बढ़ते नशे के काराेबार को तोड़ने के लिए नशे के बड़े कार्टेल पर प्रहार करना होगा।