उत्तराखंड- यहां चलती गाड़ी में गिरा जलता हुआ पेड़, जाने फिर क्या हुआ, यहाँ 50 परिवारों की दहशत में कटी रात
वन विभाग और प्रशासन के तमाम प्रयासों के बावजूद पर्वतीय क्षेत्रों में जंगल लगातार धधक रहे हैं। हल्द्वानी से निर्माण सामग्री लेकर पदमपुरी जा रहे पिकअप वाहन के ऊपर सोमवार शाम चांफी के पास जलता पेड़ गिर गया। वाहन में फंसे चालक को अन्य वाहन चालकों ने बाहर निकाला। हादसे में चालक की जान बाल-बाल बच गई। चालक नवीन ने बताया कि बीते चार दिनों से क्षेत्र के जंगल लगातार जल रहे हैं। सोमवार शाम वाहन के ऊपर जलता हुआ पेड़ गिर गया। कहा कि अन्य चालकों की मदद से उसे बाहर निकाल लिया गया जिससे उसकी जान बच गई।
उधर, बेतालघाट ब्लॉक के सीम और सिल्टोना के जंगल में लगी आग रविवार देर रात एक बजे आबादी क्षेत्र में पहुंच गई। आग को घरों के पास आता देख 50 से अधिक परिवारों में दहशत फैल गई। लपटों को बढ़ता देख ग्रामीण पानी डालने के साथ पिरूल की लाइन काटकर आग बुझाने में जुट रहे। दो घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद ग्रामीणों ने आग पर काबू पाया। आग से वन संपदा को भारी नुकसान पहुंचा है। ग्रामीण खीम सिंह, राजेंद्र जोशी, बालम सिंह, कीर्तन सिंह, देव सिंह ने बताया कि ग्रामीण रात भर आबादी क्षेत्र की आग बुझाने में लगे रहे। ग्रामीणों ने बगीचों और घास के लुटों को जलने से बचा लिया।
इधर धूरा, हरतपा, बजेड़ी, घनियाकोट और ताड़ीखेत ब्लॉक के मलौना के जंगल सोमवार को धधकते रहे। आग की धुंध के कारण ग्रामीणों को आवाजाही में परेशानी झेलनी पड़ी। ग्रामीणों ने बताया कि बेतालघाट ब्लॉक के जंगलों में लगी आग से बांज, बुरांश, देवदार, काफल के पेड़ जलकर नष्ट हो गए। इधर भवाली-अल्मोड़ा हाईवे पर पाडली की पहाड़ी पर आग लगने से पत्थरों के गिरने का सिलसिला जारी है।
डीएम वंदना सिंह ने अग्रिम आदेशों तक खेतों में पराली, झाड़ और फसलों के अपशिष्ट आदि जलाने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। डीएम ने बताया कि ऐसा करने से तेज हवा आदि कारणों से निकटवर्ती क्षेत्रों में आग लगने की घटनाएं हो रही हैं। बताया कि इन निर्देशों का उल्लंघन करने पर कार्रवाई की जाएगी। कहा कि वन विभाग, राजस्व विभाग, पुलिस एवं कृषि विभाग इसकी निगरानी करेंगे। उन्होंने कृषि, राजस्व, पुलिस सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों को आदेशों का कड़ाई से पालन कराने के निर्देश दिए।
वहीं डीएम ने कहा कि फड़ व्यवसायियों की ओर से ठोस अपशिष्ट को खुले स्थानों पर नहीं फेंका जाएगा और न ही आग जलाकर कूड़े का निस्तारण किया जाएगा। वनाग्नि को देखते हुए पेट्रोल पंप, लीसा फैक्टरी, भूसा गोदाम मालिक परिसर के 100 मीटर की परिधि से कूड़ा, पीरूल, सूखे पत्ते आदि को तत्काल हटाना सुनिश्चित करें। साथ ही होटल, रेस्टोरेंट और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों की ओर से जैविक-अजैविक कूड़े को खुले में छोड़ने पर प्रतिबंध रहेगा।
नैनीताल क्षेत्र में आग लगने के बाद वन विभाग की टीम अलर्ट हो गई है। वन विभाग की ओर से रात में भी गश्त की जा रही है। वहीं जंगलों में दोबारा गिरा पिरूल एक बार फिर विभाग के लिए चुनौती बन रहा है। डीएफओ चंद्रशेखर जोशी ने बताया कि विभाग की कई टीमें रात्रि में भी गश्त कर रही हैं। वनाग्नि संभावित क्षेत्रों से पिरूल और सूखे पत्तों को भी हटाया जा रहा है। उधर, कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के कालागढ़ में वनों व वन्यजीवों की आग से सुरक्षा के लिए जन जागरूकता अभियान चलाया गया। इस दौरान वनों की आग से सुरक्षा की जानकारी दी गई। इस मौके पर रेंजर कालागढ़ नंद किशोर रूबाली, चंद्रशेखर पलड़िया, अरविंद, अन्नू भारती आदि रहे।
जंगल की बढ़ती आग के मद्देनजर वन मुख्यालय ने जनपदवार नोडल अधिकारी बनाए हैं। प्रमुख वन संरक्षक धनंजय मोहन की ओर से जारी आदेश के मुताबिक फॉरेस्ट ट्रेनिंग अकादमी निदेशक व मुख्य वन संरक्षक डॉ तेजस्विनी पाटिल को यूएस नगर और चंपावत जिले, मुख्य वन संरक्षक कार्ययोजना संजीव चतुर्वेदी को पिथौरागढ़, प्रमुख वन संरक्षक प्रशासन बीपी गुप्ता को नैनीताल, प्रमुख वन संरक्षक पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन कपिल जोशी को अल्मोड़ा और प्रमुख वन संरक्षक व सीईओ कैंपा जेएस पांडे को बागेश्वर का नोडल अधिकारी बनाया गया है।
इसी तरह गढ़वाल मंडल में मुख्य वन संरक्षक पराग मधुकर धकाते को हरिद्वार व देहरादून की जिम्मेदारी सौंपी गई है। उत्तरकाशी जिले के प्रमुख वन संरक्षक वन नोडल अधिकारी वन संरक्षण आरके मिश्र को उत्तरकाशी, प्रमुख वन संरक्षक परियोजना कपिल लाल को टिहरी, प्रमुख वन संरक्षक वन्यजीव विवेक पांडे को चमोली और रुद्रप्रयाग, मुख्य वन संरक्षक अनुश्रवण मूल्यांकन आईटी एवं आधुनिकीकरण राहुल को पौड़ी गढ़वाल का नोडल अधिकारी नामित किया गया है।