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उत्तराखंड: मानसून सुस्त, फिर भी अगले तीन दिन इन जिलों में बरस सकते हैं बादल

देहरादून न्यूज़- सितंबर के पहले सप्ताह में सक्रिय रहे मानसून की वजह से उत्तराखंड के कई जिलों में अतिवृष्टि देखने को मिली थी। मैदानी इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति और जलभराव हुआ, वहीं पर्वतीय क्षेत्रों में भारी भूस्खलन से आपदा जैसी परिस्थितियां बनीं। अब मानसून सुस्त पड़ गया है, हालांकि मौसम विभाग ने अगले दो से तीन दिन तक प्रदेश के कुछ जिलों में बारिश की संभावना जताई है।

 

 

मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून के अनुसार, 19 सितंबर तक पिथौरागढ़, बागेश्वर, चंपावत और ऊधमसिंह नगर जिलों में कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। कहीं-कहीं आकाशीय बिजली चमकने के साथ तीव्र से अति तीव्र दौर की वर्षा भी देखने को मिल सकती है।

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सामान्य से ज्यादा बरसात

मानसून की अब तक 80 प्रतिशत अवधि बीत चुकी है और प्रदेश में सामान्य से एक चौथाई अधिक वर्षा रिकॉर्ड की गई है।

एक जून से 16 सितंबर तक जहां औसतन 1108.8 मिमी बारिश होती है, वहीं इस बार 1376.3 मिमी वर्षा दर्ज की गई।

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बागेश्वर जिला सबसे आगे रहा, जहां सामान्य से साढ़े तीन गुना अधिक वर्षा हुई।

अल्मोड़ा, चमोली, देहरादून, टिहरी, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर और उत्तरकाशी भी सामान्य से ज्यादा वर्षा वाले जिलों में शामिल हैं।

 

सामान्य और कम बारिश वाले जिले

पिथौरागढ़, नैनीताल, चंपावत और रुद्रप्रयाग जिलों में सामान्य या सामान्य से थोड़ी कम बारिश हुई। वहीं पौड़ी जिले में 28 प्रतिशत कम वर्षा दर्ज की गई, जो मौसम विभाग के लिए चिंता का विषय बनी हुई है।

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आदि कैलास यात्रा पर असर

पिथौरागढ़ जिले की उच्च हिमालयी व्यास घाटी में स्थित प्रसिद्ध आदि कैलास धाम यात्रा का दूसरा चरण शुरू होने वाला है। विशेषज्ञों का कहना है कि वर्षा के चलते इस इलाके में भूस्खलन और सड़क बंद होने की घटनाएं आम रहती हैं। मौसम विभाग के अनुसार, 20 सितंबर से बारिश में कमी आने लगेगी, जिससे यात्रा सुचारु होने की उम्मीद है।