उत्तराखंड- अध्यक्ष प्रत्याशी को उम्र का गच्चा, नैनीताल जिले में अब तक 22 के पर्चे हुए निरस्त, हॉट सीट बनी ये पालिका
निर्वाचन आयोग के निर्देश पर मंगलवार से सिटी मजिस्ट्रेट दफ्तर में मेयर पद के प्रत्याशियों की नामांकन पत्रों की जांच की गई। जांच में सभी 12 दावेदारों के नामांकन पत्र सही पाए गए हैं। दो जनवरी को नाम वापसी और प्रतीक चिह्नों का आवंटन होगा। काठगोदाम-हल्द्वानी नगर निगम सीट से मेयर के 12 प्रत्याशियों ने नामांकन पत्र दाखिल किया था। इनमें कांग्रेस से ललित जोशी, भाजपा से गजराज सिंह बिष्ट, सपा से शोएब अहमद, उक्रांद से मोहन कांडपाल, बसपा से शिव गणेश के अलावा दीप चंद्र पांडे, मनोज कुमार, नवीन चंद्र, भुवन चंद्र पांडेय, मनोज कुमार, रणप्रीत सिंह और रूपेंद्र नागर ने निर्दलीय नामांकन पत्र दाखिल किया था। सिटी मजिस्ट्रेट व निर्वाचन अधिकारी एपी बाजपेयी ने बताया कि पहली जनवरी को भी नामांकन पत्रों की जांच होगी।
बताया कि आरओ और एआरओ स्तर पर की गई स्क्रूटनी में मेयर के सभी 12 प्रत्याशियों के नामांकन पत्र सही मिले हैं। बताया कि दो जनवरी को सुबह दस बजे से शाम चार बजे तक नाम वापसी होगी और इसके बाद दावेदारों को चुनाव चिह्न आवंटित किए जाएंगे। वहीं, हल्द्वानी नगर निगम के 60 वार्ड में 268 आवेदकों ने पार्षद पद के लिए नामांकन किया था। मंगलवार को जांच के बाद नौ आवेदकों के आवेदन निरस्त कर दिए गए। इसमें से एक निवर्तमान पार्षद का आवेदन दो वार्ड से करने के कारण निरस्त कर किया गया है। निवर्तमान पार्षद के दोनों आवेदन निरस्त कर दिए गए। उधर भाजपा के सिंबल से चुनाव लड़ने वाले दो आवेदकों के आवेदन भी प्रपत्र पूरे नहीं होने के कारण निरस्त कर दिए गए।
उधर, रामनगर में नामांकन दाखिल करने के बाद मंगलवार प्रत्याशियों के फार्म की जांच की गई। जांच में अध्यक्ष पद के सभी प्रत्याशियों के नामांकन पत्र तो सही मिले, लेकिन सभासद पद के चार प्रत्याशियों के नामांकन पत्र में खामियां मिलने पर उन्हें रद्द कर दिया गया।
रिटर्निंग ऑफिसर राहुल शाह ने बताया कि रामनगर में सभासद के 20 पदों के लिए 85 प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल कराया था। इनमें से वार्ड-9 में गूलरघट्टी पश्चिम के प्रत्याशी इनामुर्रहमान, वार्ड-10 शांतिकुंज से प्रत्याशी गीता देवी और वार्ड- 16 ऊंटपड़ाव से प्रत्याशी नसीमुद्दीन का दो से अधिक बच्चे होने पर नामांकन निरस्त कर दिया गया है। इसके अलावा वार्ड-14 मोती मस्जिद से प्रत्याशी मो. इसरार अंसारी का अपूर्ण शपथपत्र सत्यापित नहीं होने के कारण नामांकन निरस्त किया गया है।
उधर, नगर पंचायत लालकुआं में अध्यक्ष पद के लिए निर्दलीय दावेदारी करने वाली शाजिया मौर्या का नामांकन जांच के दौरान निरस्त कर दिया गया। निर्वाचन अधिकारी एवं एसडीएम तुषार सैनी ने बताया कि शाजिया का नामांकन आयु की अर्हता पूर्ण न करने के कारण निरस्त किया गया है।
टिकट कटने से भाजपा के निवर्तमान पार्षदों में असंतोष
भाजपा के कई निवर्तमान पार्षद इस बार टिकट न दिए जाने से पार्टी से नाराज हैं। ऐसे सभी पार्षदों ने पार्टी के खिलाफ बगावती तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। वहीं दूसरी ओर पार्टी पदाधिकारी इन नाराज पूर्व पार्षदों को मनाने में जुट गए हैं।
भाजपा के सात पूर्व पार्षद ऐसे हैं जिनका इस बार पार्टी ने टिकट काट दिया है। इन सभी वार्डों में पार्टी ने नए चेहरों को पार्षद का टिकट दिया है। इससे निवर्तमान पार्षद नाराज हैं। भाजपा नेता और निवर्तमान पार्षद धीरेंद्र रावत का कहना है कि वह पिछले 36 साल से पार्टी की सेवा कर रहे हैं और आखिरी समय पर कुछ लोगों के इशारों पर उनका पार्षद का टिकट काट दिया गया है। कहा वह अकेले ऐसे नेता नहीं हैं बल्कि तीन अन्य पूर्व पार्षद भी हैं जिनका टिकट जानबूझ कर काटा गया है।
रावत नगर निगम के वार्ड संख्या सात से तीन बार पार्षद रह चुके हैं। रावत का कहना है कि उनके अलावा भाजपा ने वार्ड एक की पूर्व पार्षद नीमा तिवारी, वार्ड दो की पूर्व पार्षद अंजू जोशी, वार्ड तीन के पूर्व पार्षद भुवन भट्ट और तीन अन्य का भी टिकट काटा है। पूर्व पार्षदों के तेवर देख भाजपा ने डैमेज कंट्रोल शुरू कर दिया है। भाजपा जिलाध्यक्ष प्रताप विष्ट का कहना है कि टिकट वितरण को लेकर किसी में नाराजगी नहीं है। अगर टिकट वितरण पर कोई नाखुश है तो उसकी नाराजगी को दूर करा दिया जाएगा।
18 नामांकनों से हॉट सीट बनी रामनगर पालिका
रामनगर में अध्यक्ष बनने की चाह में 18 लोगों की ओर से दाखिल किए गए नामांकन के कारण रामनगर की पालिकाध्यक्ष सीट कुमाऊं की हॉट सीट बनकर उभरी है। पालिका के इतिहास में कभी भी इतने प्रत्याशियों ने अपना नामांकन दाखिल नहीं किया है। ऐसे में अब कुमाऊं के राजनीतिज्ञों की नजर रामनगर पालिकाध्यक्ष पद के चुनाव पर टिक गई है। वर्ष 1989 में पहली बार रामनगर नगर पालिका में अध्यक्ष पद के लिए चुनाव हुआ था, तब 15 प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किया था। इसके बाद पांच साल प्रशासक रहे। फिर वर्ष 1997 में चुनाव हुए तो तब 10 प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल कराया। वर्ष 2003 के चुनाव के दौरान 12 प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतरे। वर्ष 2008 में हुए चुनाव में 11 महारथियों ने किस्मत आजमाई।
इसी तरह वर्ष 2013 में 10 और वर्ष 2018 में सात प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल कराया था। यह पहली बार है जब अध्यक्ष बनने की चाह में 18 प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल कराया है। इनमें हाजी मो. अकरम, मो. आदिल खान, गणेश रावत, मो. जफर सैफी, ताईफ खान, नरेंद्र शर्मा, नाजिया परवीन, डॉ. निशांत पपनै, फैजुल हक, भगीरथ लाल चौधरी, भावना भट्ट, भुवन चंद्र पांडे, भुवन सिंह डंगवाल, भूपेंद्र सिंह खाती, मदन जोशी, विनोद कुमार अंजान और संजय डॉर्बी शामिल हैं।
इतने नामांकन होने के बाद राजनीतिक गलियारों में काफी हलचल है। सभी की नजर अब दो जनवरी को नाम वापसी वाले दिन पर टिकी है। राजनीतिक जानकार मान रहे हैं कि इस बार कम से कम 10 प्रत्याशियों के चुनाव लड़ने की उम्मीद है। इतने प्रत्याशियों के चुनाव लड़ने की संभावनाओं को देखते हुए किसी की भी डगर आसान होने वाली नहीं है। दरअसल, भाजपा से बागी और कांग्रेस का टिकट ओपन होने से कई लोग अपनी किस्मत आजमाना चाहते हैं।