उत्तराखण्डक्राइमगढ़वाल,

उत्तराखंड- यहाँ प्रेमी और प्रेमिका कर रहे थे चैटिंग, तभी प्रेमिका ने कह दी कुछ ऐसी बात, तो लड़के ने दे दी अपनी जान, जाने वजह

हरिद्वार न्यूज़– यहाँ कुछ दिन पहले हाइवे किनारे युवक का खून से लथपथ शव मिलने के मामले में नया मोड़ आ गया। युवक के स्वजनों ने पड़ोस में रहने वाले एक ही परिवार के आठ आरोपितों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था।

लेकिन पुलिस की जांच में पता चला कि प्रेम-प्रसंग में नाकाम युवक ने प्रेमिका के उकसाने पर किसी बड़े वाहन से टकराकर आत्महत्या की थी। पुलिस ने इंस्टाग्राम चैटिंग और कॉल रिकॉर्डिंग के आधार पर मौत की गुत्थी सुलझाते हुए आरोपित प्रेमिका को गिरफ्तार कर लिया। हत्या के मुकदमे को आत्महत्या के लिए उकसाने की धारा में तरमीम किया है।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र डोबाल ने बताया कि तीन दिन पहले बहादराबाद में बाईपास मार्ग सत्संग भवन के पास एक युवक का खून से लथपथ शव मिला था। पुलिस ने युवक की शिनाख्त संजीत निवासी बहादराबाद के रूप में कराई थी। इस मामले में संजीत की मां सविता निवासी अम्बेडकर मार्केट बहादराबाद की ओर से विकास, सचिन, सुधांशु, रोबिन्स आदि निवासीगण अम्बेडकर मार्केट बहादराबाद सहित कुल आठ आरोपियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था।

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एसएसपी ने बताया कि पूरे मामले की गहनता से पड़ताल के निर्देश एसओ बहादराबाद नरेश राठौड़ को दिए गए थे। पुलिस की जांच में सामने आया कि संजीत बीते तीन माह से अपने पड़ोस में रहने वाली युवती के साथ प्रेम प्रसंग में था। लेकिन परिवार वालों के विरोध पर युवती ने कुछ दिन पहले संजीत से किनारा कर लिया था।

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संजीत उससे बार-बार मिलने के लिए बोलता और बात करने की कोशिश करता, पर युवती उससे मिलने से मना कर रही थी। शादी कहीं और करने की बात पता चलने पर संजीत अवसाद में आ गया था और उसने हाथ की नस काटकर फोटो युवती को भेजे थे।

आरोप है कि युवती ने इसके बावजूद मिलने से मना कर दिया और चैटिंग के दौरान कुछ ऐसी बातें लिखी कि संजीत ने खुदकुशी की ठान ली। आरोप है कि उकसावे में आकर संजीत ने 14 जनवरी की रात हाईवे के पास किसी बड़े वाहन से टकराकर आत्महत्या कर ली। पुलिस टीम में सीओ ज्वालापुर शांतनु पराशर, थानाध्यक्ष नरेश राठौड़, बाजार चौकी प्रभारी प्रदीप राठौर, कांस्टेबल संतोष रावत, विकास थापा और महिला उपनिरीक्षक प्रीति गौतम शामिल रहे।

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मामला प्रेम प्रसंग से जुड़ा निकलने और दोनों पक्ष पड़ोसी होने के चलते मामला बेहद संवेदनशील था। आरोप सीधे तौर पर हत्या का होने से पुलिस के लिए केस को सुलझाना बड़ी चुनौती थी।

थानाध्यक्ष नरेश राठौड़ के नेतृत्व में पुलिस ने हर पहलू पर बारीकी से विश्लेषण करते हुए कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए पूरी घटना का पर्दाफाश किया। वहीं, पुलिस की जांच के दौरान पता चला कि प्रेम प्रसंग के दौरान कुछ दिन पहले दोनों एक साथ घर से बिना बताए चले गए थे। लेकिन अगले ही दिन वापस लौट आए। दोनों परिवारों की सहमति से दोनों अपने-अपने घर चले गए थे।