उत्तराखंड टनल हादसा- रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा लेने पहुंचे PMO के उप सचिव मंगेश घिल्डियाल और भास्कर खुल्बे
- उत्तरकाशी टनल हादसे में सात दिनों से फंसे हैं 41 मजदूर
- शनिवार को रोका गया है रेस्क्यू ऑपरेशन
- PMO उप सचिव मंगेश घिल्डियाल ने लिया जायजा
उत्तरकाशी न्यूज़– उत्तरकाशी टनल हादसे में छह दिन से अधिक का समय गुजर जाने के बाद भी लोगों को बाहर नहीं निकाला जा सका है। चिंता की बात है कि पिछले 150 घंटे से अधिक समय तक सुरंग में फंसे लोगों को बाहर निकालने के प्लान फेल हो गए हैं।
प्रधानमंत्री ऑफिस पीएमओ (PMO) के दो अधिकारी उत्तरकाशी पहुंचे हैं। पीएमओ की ओर से मंगेश घिल्डियाल और भास्कर खुल्बे ने उत्तरकाशी पहुंचकर रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा लिया। बचाओ व राहत कार्यों में जुटे रेस्क्यू अभियान दल को हर संभव मदद का आश्वासन भी दिया गया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों के साथ सिल्क्यारा उत्तरकाशी में टनल में फंसे श्रमिकों की सकुशल बाहर निकालने के लिए चलाए जा रहे बचाव कार्यों की समीक्षा की। इस दौरान रेस्क्यू ऑपरेशन में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए हर आवश्यक कदम उठाए जाने हेतु अधिकारी को निर्देश दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भी लगातार बचाओ अभियान का अपडेट लिया जा रहा है। ग्राउंड जीरो पर कार्य कर रही एजेंसियों को प्रदेश सरकार द्वारा हर संभव सहयोग दिया जा रहा है। टनल में फंसे सभी श्रमिकों को सकुशल बाहर निकलना सरकार कि सर्वोच्च प्राथमिकता है और इस दिशा में तेजी से कार्य किया जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रमिकों की परिजनों के लिए रहने, खाने और स्वास्थ्य संबंधी सुविधा राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने गढ़वाल कमिश्नर को निर्देश दिए कि श्रमिकों की परिजनों के लिए चिन्यालीसौड़ और उसके आसपास के क्षेत्र में रहने, खाने और स्वास्थ्य संबंधी सभी व्यवस्थाएं की जाए। श्रमिकों के परिजनों से लगातार समन्वय बनाकर राहत एवं बचाव कार्यों का अपडेट देने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिए हैं।
उत्तरकाशी सिलक्यारा में टनल में फंसे श्रमिकों को जल्द सुरक्षित बाहर निकालने के लिए इंदौर से एक और ऑगर मशीन उत्तराखंड पहुंच गई है। मशीन शुक्रवार शाम को देहरादून के जॉली ग्रांट एयरपोर्ट पहुंच गई थी।
वही एनएचआईसीसीएल के निदेशक अंशु मनीष खलको के अनुसार इंदौर से मशीन को एयरलिफ्ट कर लिया गया है। ऑगर मशीन को इंदौर से एयरलिफ्ट करते हुए देहरादून के जॉलीग्रांट एयरपोर्ट पर लाने के बाद सड़क मार्ग से मशीन को सिलक्यारा पहुंचाया गया। इस मशीन के आने से रेस्क्यू अभियान में और तेजी लाई जा सकेगी।