उत्तराखण्डकुमाऊं,

हल्द्वानी शहर के 35 हजार घरों में लगेगा पानी का स्मार्ट मीटर, पेयजल निगम ने शासन को भेजा 149 करोड़ का प्रस्ताव

  • मुख्यमंत्री धामी की घोषणा के बाद पेयजल निगम ने बनाई डीपीआर
  • वर्षों पुरानी पाइपलाइनें भी बदली जाएंगी, लीकेज की समस्या होगी दूर

हल्द्वानी न्यूज़- पुराने नगर निगम (वार्ड-1 से 33) क्षेत्र के 35 हजार घरों में भी अब पानी के स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की घोषणा के बाद पेयजल निगम ने 149 करोड़ रुपये की डीपीआर तैयार कर शासन में भेज दी है। स्वीकृति मिलने पर दशकों पुरानी पाइपलाइन बदलने के साथ ही घरों में मीटर लगाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

 

 

हल्द्वानी के शहरी क्षेत्र में जल संस्थान हर तीन माह में फिक्स धनराशि का बिल घरों मे भेजता है। लेकिन अब जल्द ही पानी के उपयोग के अनुसार बिल की वसूली की जाएगी। जिसको लेकर पेयजल निगम ने कार्ययोजना बना ली है।

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कार्ययोजना में नगर निगम के पुराने 33 वार्डों की गलियों में पेयजल लाइनें बदलने के साथ ही मीटर लगाने के लिए 149 करोड़ की डीपीआर बनाकर भेज दी है। इसकी मंजूरी की घोषणा बीते 15 अक्टूबर को हल्द्वानी में हुए मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में की है। निगम के बनाए प्रस्ताव के अनुसार घरेलू और व्यवसायिक कनेक्शनों पर मीटर लगाए जाएंगे।

 

 

दरअसल वर्तमान में विश्व बैंक परियोजना के तहत ही हल्द्वानी में करीब आठ हजार घरों को मीटर आधारित पेयजल बिल की वसूली की जा रही है। बाकि अन्य 35 हजार उपभोक्ताओं का बिल जल संस्थान ही वसूलता है।

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नगर निगम में शामिल 27 नए वार्ड में उत्तराखंड शहरी क्षेत्र विकास एजेंसी (यूयूएसडीए) पेयजल व सीवर योजना पर 1500 करोड़ बजट से कार्य कर रहा है। इसके लिए वार्डों में करीब 100 किलोमीटर पेयजल लाइन बिछ चुकी है। परियोजना के अनुसार हर घर में अल्ट्रासोनिक स्मार्ट मीटर भी लगाया जाना है। इनके लगने पर पूरे नगर निगम क्षेत्र के सभी वार्ड के घरों में मीटर लग जाएंगे।

 

जल संस्थान घरेलू और व्यवसायिक उपभोक्ताओं को हर तीन माह में बिल भेजता है। अभी घरेलू उपभोक्ता से तीन माह के करीब 1124 रुपये लिए जाते हैं। वहीं व्यवसायिक कनेक्शन पर न्यूनतम 5486 रुपये और उपयोग का आंकलन कर इसमें बढ़ोतरी की जाती है।

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शहर में लीकेज की समस्या को ठीक करने व हर घर स्मार्ट मीटर लगाने के लिए डीपीआर शासन को भेज दी गई है। इसके माध्यम से वर्षों पुरानी पेयजल लाइनों को बदल दिया जाएगा। इससे वर्तमान में लीकेज की समस्या काफी हो चुकी है। गलियों-गलियों की पुरानी लाइनें बदल दी जाएंगी। योजना में जल्द स्वीकृति मिलने की उम्मीद है। – एके कटारिया, अधिशासी अभियंता, पेयजल निगम