देहरादून- सर्किल रेट बढ़ाने के बाद सरकार का एक और कदम — रजिस्ट्रेशन शुल्क भी दोगुना

देहरादून न्यूज़- प्रदेश में भूमि और परिसंपत्तियों की रजिस्ट्री कराना अब और महंगा हो गया है। सरकार ने सोमवार से रजिस्ट्रेशन शुल्क में बड़ा बदलाव करते हुए शुल्क को 25 हजार रुपये से बढ़ाकर अधिकतम 50 हजार रुपये कर दिया है। यह वृद्धि पूरे 10 वर्ष बाद की गई है। वित्त सचिव दिलीप जावलकर ने इस संबंध में आदेश जारी किए हैं।
सरकार का कहना है कि बढ़े हुए शुल्क का उपयोग प्रदेशभर में स्थित रजिस्ट्री कार्यालयों की व्यवस्था सुधारने और उन्हें आधुनिक तकनीक से लैस करने में किया जाएगा। इससे खरीददारों को भविष्य में बेहतर और तेज सेवा मिल सकेगी।
इससे पहले, सरकार ने पिछले माह ही सर्किल रेट में वृद्धि की थी, जिससे भूमि खरीदना पहले ही महंगा हो गया था। अब रजिस्ट्री शुल्क बढ़ने से खरीदारों पर आर्थिक बोझ और बढ़ेगा।
14 सितंबर 2015 को रजिस्ट्रेशन शुल्क 25 हजार रुपये तय किया गया था, जिसके बाद एक दशक तक कोई बदलाव नहीं किया गया। स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग ने पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश की तरह शुल्क को एक प्रतिशत किए जाने का प्रस्ताव भी दिया था, लेकिन सरकार ने इसे खारिज कर दिया क्योंकि इससे करोड़ों की संपत्तियों पर शुल्क अत्यधिक बढ़ने की संभावना थी।
इसी कारण सरकार ने इसे 50 हजार रुपये की अधिकतम सीमा में तय किया है। यानी संपत्ति की कीमत चाहे जितनी अधिक क्यों न हो, रजिस्ट्री पर लगाया जाने वाला शुल्क 50 हजार रुपये से ज्यादा नहीं होगा।
नए शुल्क लागू होने के साथ ही प्रदेश में भूमि व संपत्ति खरीदने की प्रक्रिया अब पहले से काफी महंगी हो गई है।







