उत्तराखण्डकुमाऊं,

श्री राम के वनवास जाने के बाद दशरथ ने त्यागे प्राण

  • श्री राम के वनवास जाने के बाद दशरथ ने त्यागे प्राण

लालकुआं न्यूज़- आदर्श रामलीला कमेटी के तत्वाधान में आयोजित श्री रामलीला मंचन के पांचवे दिन वनवास को गये भगवान श्री राम के वियोग में दशरथ मरण की मार्मिक लीला के साथ-साथ राम – भरत संवाद का मनमोहक मंचन किया गया। इस दौरान क्षेत्रीय कलाकारों ने सुंदर मंचन कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

 

 

पाँचवे दिन की लीला का शुभारंभ मुख्य अतिथि प्रभागीय वनाधिकारी तराई पूर्वी वन विभाग हिमांशु बांगरी ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि भगवान राम ने पिता की आज्ञा को मानने के लिए 14 वर्षो के वनवास को स्वीकार कर लिया। जिससे हमें माता पिता की सेवा व उनकी आज्ञा के निर्वहन की सीख मिलती है।

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कार्यक्रम में बतौर विशिष्ट अतिथि पहुंचे एसडीओ गौला अनिल कुमार जोशी और वन क्षेत्राधिकारी नवीन पवार ने कहा कि प्रत्येक वर्ष जगह-जगह रामलीला का मंचन इसलिए किया जाता है कि हम मर्यादा पुरुषोत्तम रामचंद्र जी के जीवन चरित्र से प्रेरणा लेकर एक आदर्श समाज की स्थापना में अपना योगदान दें।

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इस अवसर पर राम के वन जाने के बाद उनके वियोग में दशरथ मरण, कैकई भरत संवाद, वन स्त्री सीता संवाद तथा केवट संवाद का सुंदर मंचन किया गया। रामलीला कमेटी के अध्यक्ष बीसी भट्ट ने रामलीला के मंचन में क्षेत्रवासियों द्वारा दिए जा रहे सहयोग देने के लिए आभार जताया।

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इस अवसर पर पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष रामबाबू मिश्रा पवन कुमार चौहान, वरिष्ठ भाजपा नेता हेमंत नरूला, कैलाश चंद्र पंत, महामंत्री भुवन पांडे, दीवान सिंह बिष्ट, धन सिंह बिष्ट, दीप लोहनी, सुरेंद्र लोटनी, बॉबी संभल, परमांशु श्रीवास्तव, संजय जोशी, डायरेक्टर पान सिंह बिष्ट सहित भारी संख्या में क्षेत्रवासी मौजूद रहे।