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उत्तराखंड में ऑनलाइन सुरक्षा के लिए बनेगी साइबर सिक्योरिटी टास्क फोर्स, मुख्यमंत्री धामी ने दिये निर्देश

  • साइबर सिक्योरिटी टास्क फोर्स का गठन
  • मजबूत होगा आईटीडीए
  • डिजास्टर रिकवरी सेंटर की भी स्थापना के निर्देश

उत्तराखंड में साइबर हमलों से निपटने के लिए साइबर सिक्योरिटी टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा। शनिवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उच्च अधिकारियों के साथ बैठक में ये निर्देश दिए।

सीएम ने स्टेट डाटा सेंटर की स्कैनिंग पूरी कर जनहित से जुड़े विभागों की सभी वेबसाइट्स सोमवार तक सुचारू करने के निर्देश दिए। कहा, ऐसे मामलों की पुनरावृति रोकने, ऑनलाइन सुरक्षा के लिए जल्द साइबर सिक्योरिटी टास्क फोर्स का गठन किया जाए। आईटी क्षेत्र में काम कर रहीं केंद्र की सर्वश्रेष्ठ एजेंसियों के सहयोग से स्टेट डाटा सेंटर की सुरक्षा प्रणाली को और ज्यादा आधुनिक बनाने, तय समय में स्टेट डाटा सेंटर, ऑनलाइन साइट्स का सेफ्टी ऑडिट के भी निर्देश दिए।

 

मुख्यमंत्री ने कहा, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की सुरक्षा एवं विभिन्न विभागों से संबंधित ऑनलाइन डाटा की रिकवरी के लिए डिजास्टर रिकवरी सेंटर की स्थापना की जाए। कहा, साइबर सुरक्षा में सर्वश्रेष्ठ कार्य कर रहे राज्यों, केंद्रीय मंत्रालयों एवं एजेंसियों की बेस्ट प्रैक्टिस का अध्ययन कर उन्हें राज्य में लागू किया जाए। सीएम ने आईटीडीए में तकनीकी काम कर रही कंपनी की पुनः समीक्षा और लापरवाही पर कार्रवाई के निर्देश भी दिए।

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सचिव आईटी नितेश झा ने बताया, आईटीडीए डाटा सेंटर में वर्चुअल मशीनों पर मालवेयर के कारण किसी भी प्रकार की डाटा हानि नहीं हुई है। 1,378 में से 11 मशीनों पर इसका प्रभाव था। स्कैनिंग के बाद अब ई-ऑफिस कुछ जिलों में सुचारू हो चुका है। सीएम हेलपलाइन समेत कई वेबसाइट सुचारू हो गईं।

 

 

सीएम ने वर्चुअल जुड़ी मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को निर्देश दिए कि आवश्यकता के हिसाब से आईटीडीए में कार्मिक तैनात करें। अधिकारियों, कर्मचारियों को साइबर सिक्योरिटी का प्रशिक्षण दें। आईटीडीए ये भी सुनिश्चित करे कि प्रत्येक सरकारी कार्यालय में एंटी वायरस सिस्टम अपडेट हो, जिससे ऐसी घटनाओं से बचा जा सके। कहा, आगे इस तरह की समस्याएं न आएं, इसके लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्य किया जाए।

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उत्तरखंड के आईटी सिस्टम पर साइबर हमला हुआ है, यह अभी तक की जांच में लगभग साबित हो चुका है, लेकिन हमला कहां से हुआ इसकी जानकारी करने में समय लग सकता है। इसके लिए केंद्र सरकार की तकनीकी टीमों के साथ एसटीएफ और साइबर पुलिस भी जुटी हुई है।

 

एसटीएफ और साइबर थाने के करीब 20 से ज्यादा एक्सपर्ट इसकी जांच में लगे हुए हैं। बताया जा रहा कि जल्द ही साइबर पुलिस इसके स्रोत की पहचान कर लेगी। तीन दिन से किसी भी सरकारी वेबसाइट पर काम नहीं हो रहा है। हालांकि, तीसरे दिन कुछेक वेबसाइट को चालू किया गया है।

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बाकी को स्कैनिंग के बाद चालू कर दिया जाएगा। सभी सिस्टम में एंटी वायरस आदि अपलोड करने का काम भी एक्सपर्ट तेजी से कर रहे हैं, लेकिन अभी तक इस बात की जानकारी नहीं मिल सकी कि साइबर हमला किस जगह से और किसने किया। एसटीएफ और साइबर थाना पुलिस के भी 20 से ज्यादा एक्सपर्ट अपने स्तर से जांच करने में जुटे हुए हैं।

 

इसके लिए केंद्रीय एजेंसियों की मदद भी ली जा रही है। खुद एसएसपी एसटीएफ नवनीत भुल्लर टीम संग संपर्क में हैं। भुल्लर ने बताया, उनकी टीम हमले के स्रोत के संबंध में जांच कर रही है। बाकी आईटीडीए की टीमें सिस्टम और वेबसाइट को चालू करने में लगे हुए हैं। हर पहलू पर एसटीएफ जांच कर रही है। साइबर थाने के विशेषज्ञों को जांच में लगाया गया है।