हल्द्वानी- (अंकित हत्याकांड) पुलिस की पूछताछ में माही उर्फ डौली ने किये चौंकाने वाले खुलासे, बेहोशी में नही, बेहरमी से ली थी अंकित की जान, पढ़े पूरी खबर।
हल्द्वानी न्यूज़- विगत दिवस हल्द्वानी में हुए अंकित हत्याकांड में मुख्य आरोपियों के पकड़े जाने के बाद प्रेमिका ने चौंकाने वाले खुलासे किए। उसने बताया कि अंकित को बेहोशी की हालत में नहीं बल्कि जबरन उसे पकड़कर सांप से डसवाया गया था। अंकित को सांप से डसवाने से पहले पांच लोगों ने उसके ऊपर कंबल डालकर दबोचा लिया था। पुलिस पूछताछ में ये सारी बातें माही ने कबूली हैं।
वही एसएसपी पंकज भट्ट ने माही से पूछताछ के बाद बताया कि घटना वाले दिन अंकित करीब छह बजे गोरापड़ाव स्थित माही के घर पहुंचा। यहां माही, दीप कांडपाल, सपेरा, नौकर, नौकरानी पहले से ही मौजूद थे। इन्होंने अंकित को पहले बीयर पिलाई।
फिर बीयर पिलाने के बाद दीप कांडपाल ने उसके ऊपर कंबल डालकर उसे गिरा दिया। इसके बाद दो लोग अंकित के ऊपर चढ़ गए। दो लोगों ने हाथ और एक ने पैर पकड़ा। अंकित का दम घुटने लगा तो उसने हाथ-पैर मार ना छोड़ दिए।
इसके बाद सपेरा दूसरे कमरे से सांप लेकर आया और उसके पैर में सांप से डसवा दिया। आधा घंटा इंतजार करने के बाद जब अंकित के शरीर में हरकत हुई तो उसने दोबारा उसके दूसरे पैर में भी सांप से डसवाया। इस तरह अंकित की घर पर ही मौत हो गई थी।
माही और दीप पैसे वाले थे।
एसएसपी पंकज भट्ट ने बताया कि माही प्रापर्टी डीलर थी और दीप कांडपाल उसका असिस्टेंट था। दोनों में आठ साल से प्रेम प्रसंग चल रहा था। उसने ये भी कहा कि माही को वर्ष 2020 में पुरानी गाड़ी लेनी थी। इसे लेकर माही की मुलाकात अंकित से हुई थी। वही माही, दीप कांडपाल, नौकर-नौकरानी ने हत्या के बाद न तो बैंक से पैसे निकाले न ही उन्होंने यूपीआई से पेमेंट किया। इस दौरान उन्होंने हर जगह कैश में ही भुगतान किया। माही ने पुलिस को बताया कि वह घर से भागने से पूर्व अपने साथ नकद पैसे लेकर गई थी। उसने टैक्सी से लेकर होटल और खाने तक का नकद ही भुगतान किया।
ऐसे खुला राज
उक्त घटना के उपरांत पुलिस ने माही से लेकर नौकरो तक के नंबर सर्विलांस में लगाए थे। इन नंबरों से 15 दिन में कहा-कहा कॉल की गई, इसकी डिटेल निकाली गई। इन नंबरों में से संदिग्ध नंबरों को सर्विलांस पर लगाया गया। एक नंबर के चक्कर में पुलिस बंगाल तक पहुंच गई। बाद में पता चला कि दीप ने गलत नंबर में मिस कॉल कर दी थी। हालांकि चारों आरोपियों के नंबर बंद थे। इस कारण खुलासा करने में इतना समय लग गया। पुलिस सूत्रों की माने तो हत्याकांड से पूर्व दीप कांडपाल एक नंबर पर अधिक बात करता था। वह गुड़गांव का नंबर था। पुलिस को शक हुआ कि भागने के बाद दीप इस नंबर पर दोबारा दूसरे नंबर से कांटेक्ट करेगा। जिसमे पुलिस को इससे सफलता मिल गई।
नेपाल के होटल के रजिस्टर और कसीनो पुलिस द्वारा खंगाले गए।
माही जब पीलीभीत में थी, तब पुलिस इनसे छह घंटे पीछे थी। पुलिस जैसे नौकर के घर पहुंची तो पता चला कि यह लोग छह घंटे पहले यहाँ निकल गए हैं। पुलिस को लगा कि कहीं ये नेपाल न भाग जाएं। इसके बाद नेपाल सीमा पर रजिस्टर चेक किया गया। लेकिन इंट्री नहीं मिली। लगा चोर रास्ते से नेपाल में दाखिल हुए होंगे तो एक टीम नेपाल पहुंच गई। यहां तमाम होटल खंगाले गए लेकिन मिला कुछ नहीं।
ऑनलाइन कराई थी टैक्सी बुक
माही ने पुलिस से बचने के लिए पहले से ही प्लान बनाकर रखा था। एसएसपी पंकज भट्ट ने बताया कि माही ने पहले से ही ऑनलाइन टैक्सी बुक कर रखी थी। टैक्सी को उसने घर पर बुलाया गया। यहां से वह, उसकी नौकरानी, नौकरानी के दो बच्चे, सपेरा साथ बैठकर निकले। इन्होंने तीनपानी के पास से दीप कांडपाल और नौकर को भी कार में बैठा लिया था।
दुकान से पकड़ा था सांप
वही सपेरे ने जिस सांप से अंकित चौहान को डसाया था, उसे सपेरे ने रामपुर रोड की एक दुकान से पकड़ा था। पुलिस ने जांच के लिए दुकान की सीसीटीवी फुटेज भी कब्जे में ली है। एसएसपी पंकज भट्ट ने बताया कि सीसीटीवी में सपेरा अपनी स्कूटी से आता दिख रहा है। वह सांप को पकड़कर अपने बैग में ले जाता दिख रहा है।
नोकरानी और उसका पति हत्यारोपियों से 80 किमी दूर है पुलिस टीम
एसएसपी पंकज भट्ट ने बताया कि अब सिर्फ नौकरानी ऊषा और उसके पति राम औतार को गिरफ्तार किया जाना है। ऊषा मूलरूप से बंगाल की रहने वाली है। वह अपने पति और दोनों बच्चों के साथ बरेली से ट्रेन में बिहार की ओर निकली है। बरेली में सीसीटीवी फुटेज में इसकी पुष्टि भी हुई है। पुलिस की एक टीम इनके पीछे भी निकल गई। एसएसपी के मुताबिक नौकरानी और उसका पति पुलिस से महज 80 किमी की दूरी पर हैं। जिन्हें जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।