उत्तराखंड के इस शहर में भीषण गर्मी से पगलाए कुत्ते, इंसानों को बना रहे अपना शिकार, एक दिन में सामने आए कुत्ते के काटने के 96 मामले
- पूर्व के दिनों में पहुंचते थे 45 से 50 मरीज, चिकित्सकों ने जाहिर की चिंता
- कुत्ते के काटने के 96 मामले, इंजेक्शन कक्ष के बाहर लगी कतार
रुड़की न्यूज़– तापमान के साथ ही कुत्तों व बंदरों में बढ़ रही आक्रमकता लोगों की परेशानी का सबब बन रही है। इन दिनों कुत्तों व बंदरों के हमलों की संख्या में काफी बढ़ोतरी देखने को मिली है।
रुड़की सिविल अस्पताल में जहां पूर्व के दिनों में करीब 45 से 50 लोग एंटी रेबीज लगवाने पहुंचते थे, वही मंगलवार को यह संख्या बढ़कर 96 पहुंच गई। ऐसे में अस्पताल में इंजेक्शन कक्ष के बाहर लंबी कतार लगी। उधर, चिकित्सकों ने कुत्ते के काटने के बढ़ते मामलों को लेकर चिंता जाहिर की है।
कुत्तों की आक्रमकता लोगों में डर की वजह
बढ़ते तापमान के बीच कुत्तों की आक्रमकता लोगों में डर की वजह बन रही है। लोगों में कुत्तों का खौफ कुछ इस प्रकार है कि वे घरों से बाहर निकलने में कतरा रहे हैं। लोगों का कहना है कि शहर से देहात तक गलियों और चौक-चौराहों पर मौजूद कुत्तों का झुंड वहां से गुजरने वाले लोगों पर हमला कर घायल कर दे रहा है।
इससे लोगों में डर बना हुआ है। यह समस्या खासतौर पर बच्चों और उम्रदराज लोगों के लिए काफी बड़ी साबित हो रही है। रुड़की सिविल अस्पताल के चिकित्साधिकारी डा. नितीश कुमार ने बताया कि पिछले कई दिनों से कुत्तों के काटने के करीब 45 से 50 मामले सामने आ रहे थे, लेकिन मंगलवार को 96 मामले सामने आए। ऐसे में लोगों को सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
कुत्ते के काटने पर सबसे पहले क्या करें
अगर आपके साथ कभी ऐसा होता है तो आप सबसे पहले पास के डाक्टर के पास जाएं। उससे पहले आप काटी गई जगह पर डिटर्जेंट साबुन, रिन या सर्फ एक्सेल साबुन से अच्छी तरह धो लें। अगर जख्म काफी गहरा है तो उस जगह पर पहले साबुन से धोएं और उसके बाद बिटाडिन दवा लगाएं। इससे रैबीज वायरस का असर कम हो जाता है, लेकिन इसे अच्छी तरह से धोना जरूरी है।
कुत्ता काटे तो तुरंत करें ये उपाय
- घाव को सबसे पहले धो लें, हल्के साबुन का प्रयोग करें।
- एक साफ कपड़े से रक्तस्राव को धीमा करें।
- यदि आपके पास है तो ओवर-द-काउंटर एंटीबायोटिक क्रीम लगाएं।
- घाव को जीवाणुरहित पट्टी से लपेटें
- घाव पर पट्टी बांध दें और अपने डाक्टर को दिखाएं।
- एक बार जब आपके डाक्टर घाव की जांच कर लें तो पट्टी को दिन में कई बार बदलें।
- लाली, सूजन, दर्द में वृद्धि और बुखार सहित संक्रमण के लक्षणों देखें।