उत्तराखण्डकुमाऊं,गढ़वाल,

उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव से पहले पंचायतों के कार्यो की होगी जांच, यह है वजह

उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव से पहले पुष्कर सिंह धामी सरकार पंचायतों में हुए विभिन्न विकास कार्यों की जांच कराने की तैयारी में है। पंचायती राज मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि पंचायतों में हुए विकास कार्यों में अनियमितता की शिकायतें मिलीं हैं।

इसके देखते हुए जांच का निर्णय लिया गया है।प्रदेश में हरिद्वार जनपद को छोड़कर त्रिस्तरीय पंचायतों का कार्यकाल नवंबर में समाप्त हो रहा है। इसी बीच सरकार को पंचायतों में केंद्र और राज्य के स्तर पर विभिन्न कार्यों के लिए स्वीकृत धन में घपले की कथित शिकायतें मिली हैं। कई मामलों में सरकारी धन को खर्च तो किया गया है, लेकिन मौके पर कोई काम नहीं पाया गया। इसी तरह से स्ट्रीट लाइटों को लगाने, गांवों में नालियों के निर्माण, खंड़जा बिछाने, पुश्ता बनाने जैसे कामों में भी कथित अनियमितता की बात सामने आई है।

यह भी पढ़ें 👉  यहाँ बाजार में डूबी रकम तो हल्द्वानी निवासी व्यक्ति ने काट लिया अपना गला, पढ़े पूरी खबर।

विकास कार्यों के साथ ही कल्याणकारी योजनाओं के तहत स्वीकृत धनराशि को पंचायतों में किस तरह खर्च किया गया, इसकी भी जांच की जाएगी। उत्तराखंड में ग्राम पंचायतों की संख्या अब 7795 से बढ़कर 7832 हो गई है। इममें ग्राम पंचायतों के परिसीमन से 37 नई ग्राम पंचायतें वजूद में आई हैं।

2017 में हुआ था सोशल ऑडिट उत्तराखंड में पहली बार पंचायतों में विकास कार्यों की जांच नहीं होने जा रही। इससे पहले भी सरकार वर्ष 2017 में पंचायतों में विकास कार्यों पर किए गए खर्च का सोशल ऑडिट करा चुकी है। इसमें मनरेगा, मिड डे मील जैसे तमाम योजनाओं को भी शामिल किया गया था, हालांकि इस जांच का नतीजा क्या रहा, यह कभी सामने नहीं आ पाया।

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड- यहां अनियंत्रित होकर कार खाई में गिरी, हादसे में पति-पत्नी की मौत।

देहरादून। ग्राम पंचायतों में विकास कार्यों की जांच कराने के पंचायती राज मंत्री के बयान पर उत्तराखंड त्रिस्तरीय पंचायत संगठन ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। संगठन के राज्य संयोजक जगत मर्तोलिया ने कहा कि पहले मंत्री स्वयं की थर्ड पार्टी जांच कराकर स्वयं को ईमानदार घोषित करवा लें। उसके बाद पंचायत की तरफ इशारा करें। कहा कि पूर्वाग्रह से ग्रस्त होकर पंचायतों को जांच के नाम पर तंग किया गया तो महाराज को राज्य में जहां भी जाएंगे, वहीं काले झंडे दिखाए जाएंगे।

उन्होंने कहा कि महाराज जब से विधायक और मंत्री बने हैं, पहले वह अपने विधायक निधि से किए गए कार्यों की थर्ड पार्टी जांच कराएं। उन्होंने कहा कि अगर महाराज ईमानदार घोषित हो जाएंगे तो पंचायतें खुद ही अपनी थर्ड पार्टी जांच करने के लिए राज्य सरकार को प्रस्ताव दे देंगी।हमें कई स्तरों पर पंचायतों में हुए विकास कार्यों में गड़बड़ी की शिकायतें मिली हैं, इनका परीक्षण कराया जा रहा है।

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड- यहाँ यूटिलिटी अनियंत्रित होकर खाई में गिरी, एक ही परिवार के दो सदस्यों की मौत, एक महिला गंभीर।

जांच कौन सी एजेंसी करेगी, इस पर भी मंथन किया जा रहा है। शीघ्र ही इस संबंध में ठोस फैसला लिया जाएगा। जहां तक विरोध की बात है, जिनका काम साफ होगा, उन्हें घबराना नहीं चाहिए।सतपाल महाराज, पंचायती राज मंत्रीहम निर्णय का स्वागत करते हैं, लेकिन ऐसी जांच मंत्रियों, विधायकों की ओर से कराए गए कामों की भी होनी चाहिए।

सुधीर रतूड़ी, प्रदेश महामंत्री ग्राम प्रधान संगठन