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Income Tax Alert: सेविंग अकाउंट पर इनकम टैक्स की पैनी नज़र: इन 7 बैंक ट्रांजेक्शन से बढ़ सकती है आपकी मुसीबत

नई दिल्ली- आपकी रोज़मर्रा की ज़िंदगी में सेविंग अकाउंट (Saving Account) एक अहम भूमिका निभाता है — यहीं सैलरी आती है, बिलों का भुगतान होता है, ईएमआई कटती है और पैसे ट्रांसफर होते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन सामान्य बैंक ट्रांजेक्शन पर भी आयकर विभाग (Income Tax Department) की पैनी नज़र रहती है? अगर आपके खाते में कुछ बड़े या असामान्य वित्तीय लेन-देन होते हैं, तो आप टैक्स विभाग की रडार पर आ सकते हैं।

 

 

आयकर विभाग अपने डेटा मॉनिटरिंग सिस्टम के ज़रिए देशभर में ऐसे सभी High-Value Financial Transactions पर नज़र रखता है, जिनसे टैक्स चोरी की संभावना हो सकती है। यह निगरानी केवल अमीर लोगों तक सीमित नहीं है, बल्कि आम खाताधारकों पर भी लागू होती है।

 

 

जानिए ऐसे 7 बैंक ट्रांजेक्शन, जो आयकर विभाग का ध्यान अपनी ओर खींच सकते हैं 👇

 

🔹 1. बड़ी मात्रा में नकद जमा या निकासी

अगर आप बार-बार ₹1-2 लाख रुपये नकद जमा करते हैं या निकालते हैं, तो बैंक इसे संदिग्ध मान सकता है। उदाहरण के लिए, शादी या व्यापारिक सौदे के नाम पर बार-बार बड़ी कैश एंट्री आने पर विभाग आपसे पैसों के स्रोत के बारे में पूछ सकता है।

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🔹 2. खाते में ₹10 लाख रुपये से अधिक जमा

अगर किसी वित्तीय वर्ष में आपके सेविंग अकाउंट में ₹10 लाख रुपये से अधिक नकद जमा होते हैं — चाहे एक बार में या कई बार में — तो बैंक इसकी सूचना आयकर विभाग को देता है। अगर आपने यह रकम इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) में नहीं दिखाई, तो विभाग आपको नोटिस भेज सकता है।

 

🔹 3. बड़े क्रेडिट कार्ड बिलों का भुगतान

अगर आपकी घोषित आय ₹6 लाख सालाना है, लेकिन आप हर महीने ₹1 लाख का क्रेडिट कार्ड बिल चुका रहे हैं, तो यह संदेह पैदा कर सकता है कि आपकी वास्तविक आय कहीं ज़्यादा है। ऐसे मामलों में विभाग खर्च और आय का मिलान करता है।

 

🔹 4. विदेश यात्रा या फॉरेक्स पर ₹10 लाख से अधिक खर्च

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यदि आपने विदेश यात्रा, पढ़ाई या फॉरेक्स कार्ड के माध्यम से ₹10 लाख रुपये से ज़्यादा खर्च किया है, तो इसकी जानकारी भी सीधे आयकर विभाग तक पहुँचती है। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि विदेश में खर्च की गई रकम वैध आय से ही आई हो।

 

🔹 5. ₹30 लाख या उससे अधिक की प्रॉपर्टी खरीद-बिक्री

₹30 लाख या उससे अधिक की प्रॉपर्टी डील की सूचना अपने आप इनकम टैक्स विभाग को मिल जाती है। यदि आपके खाते में ऐसी किसी डील से जुड़ा बड़ा लेन-देन होता है, तो विभाग यह जाँच कर सकता है कि क्या आपने उसे ITR में दिखाया है।

 

🔹 6. खाते में आई अज्ञात बड़ी रकम

अगर आपके खाते में अचानक कोई बड़ी रकम आती है — जैसे कि ‘गिफ्ट’, ‘दोस्त से लिया लोन’, या ‘घर की बचत’ — और आप उसका वैध स्रोत नहीं बता पाते, तो इसे अघोषित आय (Undisclosed Income) माना जा सकता है। इस पर टैक्स व पेनल्टी दोनों लग सकती हैं।

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🔹 7. निष्क्रिय खाते में अचानक लेन-देन

अगर आपका बैंक खाता लंबे समय से निष्क्रिय (Inactive) है और अचानक उसमें कोई बड़ी ट्रांजेक्शन होती है, तो बैंक इसे संदिग्ध मानकर रिपोर्ट कर सकता है। ऐसी स्थिति में आपकी गतिविधि Suspicious Transaction Report (STR) के अंतर्गत जाँच में आ सकती है।

 

💡 विशेषज्ञों की सलाह:
टैक्स विशेषज्ञों के अनुसार, “आपको हमेशा अपने सभी बैंक ट्रांजेक्शन का पूरा रिकॉर्ड और सबूत संभालकर रखना चाहिए। किसी भी बड़ी राशि के लेन-देन को बैंकिंग चैनल (जैसे चेक या NEFT/RTGS) के ज़रिए करें और ITR में उसकी सटीक जानकारी दें।”

 

📌 निष्कर्ष:
बड़े या असामान्य बैंक ट्रांजेक्शन करना गलत नहीं है, लेकिन अगर आप उनके स्रोत और उपयोग का प्रमाण नहीं दे पाते, तो यह आपके लिए परेशानी का कारण बन सकता है। इसलिए समझदारी इसी में है कि हर वित्तीय गतिविधि को पारदर्शी और दस्तावेज़ी रूप से दर्ज रखें।