उत्तराखंड- यहाँ वन विभाग की 34 एकड़ भूमि में अतिक्रमण कर खेती कर रहे गुज्जरो को दो हफ्ते के भीतर अतिक्रमण हटाने के निर्देश।
देहरादून न्यूज़- वन भूमि में अतिक्रमण को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सख्ती के बाद वन महकमा सक्रिय हो गया है। प्रमुख वन संरक्षक अनूप मलिक ने लगातार दूसरे अभियान की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने राजाजी टाइगर रिजर्व में वन गुज्जरों की ओर से करीब 34 एकड़ वन भूमि पर अतिक्रमण कर खेती किए जाने के मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल वन भूमि को खाली कराए जाने के निर्देश दिए है।
बुधवार को पीसीसीएफ अनूप मलिक ने शिवालिक वृत्त और राजाजी टाइगर रिजर्व के वनाधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने सख्त लहजे में पूछा कि जंगल में गुज्जर कैसे खेती कर रहे हैं। वहां लगातार उनकी आबादी बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि सेटेलाइट से प्राप्त चित्राें में इस बात के प्रमाण मिले हैं, कि वहां बड़े पैमाने पर खेती की जा रही है। उन्होंने इस अतिक्रमण को दो हफ्ते के भीतर हटाने के साथ सेटेलाइट चित्रों के साथ साक्ष्य उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।
खनन नदियों के किनारे अतिक्रमण चिन्हित
पीसीसीएफ मलिक ने कहा कि सभी डीएफओ, वन क्षेत्राधिकारी अपनी जिम्मेदारी समझें अन्यथा लापरवाही के लिए उन्हें जिम्मेदार समझा जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सरकार और हाईकोर्ट के निर्देशों का पालन करते हुए नदी श्रेणी और खनन नदियों के किनारे चिन्हित अतिक्रमण को दो हफ्ते में हटाएं।
मलिक ने कहा कि हर फॉरेस्ट डिविजन में समन्वयक कार्मिक नियुक्त करते हुए अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया जाए और नोडल अधिकारी को मुख्यालय में रोजाना रिपोर्ट करें जिसे सीएम कार्यालय और शासन को भेजा जाएगा।
पीसीसीएफ ने धीमी कार्यवाही पर जताई नाराजगी
पीसीसीएफ अनूप मलिक ने शिवालिक वृत्त में धीमी कार्यवाही पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि पिछले चार माह में मात्र 25 हेक्टेयर वन भूमि ही अतिक्रमण मुक्त हो पाई है। यह निराशाजनक प्रदर्शन है। इस अभियान में वन अधिकारियों को फील्ड में जाकर एक्शन लेने की जरूरत है।
नोडल अधिक डॉ. पराग मधुकर धकाते ने बताया कि शिवालिक वृत्त के तहत देहरादून वन प्रभाग में 580 हेक्टेयर, हरिद्वार वन प्रभाग में 51 हेक्टेयर और राजाजी टाइगर रिजर्व में सात हेक्टेयर वन क्षेत्र में अतिक्रमण चिन्हित किया गया है।