बिंदुखत्ता को राजस्व ग्राम घोषित न करने पर राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग सख्त, मुख्य सचिव और डीएम नैनीताल दिल्ली तलब

लालकुआं न्यूज़- राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने उत्तराखंड शासन और जिला प्रशासन नैनीताल को बड़ा झटका देते हुए बिंदुखत्ता क्षेत्र को अब तक राजस्व ग्राम का दर्जा न देने के मामले में गंभीर रुख अपनाया है। आयोग ने उत्तराखंड के मुख्य सचिव और जिलाधिकारी नैनीताल को दिल्ली स्थित आयोग मुख्यालय में 17 नवंबर को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का आदेश दिया है।
आयोग के अनुसंधान अधिकारी चेतन कुमार शर्मा द्वारा जारी नोटिस में कहा गया है कि बिंदुखत्ता निवासी प्रभु गोस्वामी की ओर से की गई शिकायत के आधार पर यह कार्यवाही शुरू की गई है। शिकायत में कहा गया था कि राज्य सरकार ने लंबे समय से मांग के बावजूद बिंदुखत्ता को राजस्व ग्राम घोषित नहीं किया है, जिससे वहां के निवासियों को मूलभूत सुविधाओं और राजस्व अधिकारों से वंचित रहना पड़ रहा है।
राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने संविधान के अनुच्छेद 338(क) के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए इस मामले की जांच करने का निर्णय लिया है। आयोग के सदस्य निरूपम चाकमा इस प्रकरण की सुनवाई 17 नवंबर को दोपहर 2:45 बजे नई दिल्ली स्थित लोकनायक भवन, खान मार्केट के सम्मेलन कक्ष में करेंगे।
नोटिस में दोनों अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे सभी संबंधित मूल अभिलेखों और दस्तावेजों के साथ व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर आयोग के समक्ष स्पष्टीकरण दें। साथ ही चेतावनी दी गई है कि यदि अधिकारी उपस्थित नहीं होते हैं तो आयोग संविधान के अनुच्छेद 338(क) के खंड (8) के तहत सिविल न्यायालय जैसी शक्तियों का प्रयोग कर उनकी उपस्थिति सुनिश्चित कर सकता है।
आयोग ने मुख्य सचिव और डीएम नैनीताल से निर्धारित तिथि पर समय से उपस्थित होने की अपील भी की है।








