देहरादून- शिक्षकों के तबादलों पर नई नियमावली तैयार: बोर्ड रिजल्ट खराब होने पर चढ़ना पड़ेगा पहाड़

देहरादून न्यूज– प्रदेश में शिक्षकों के तबादलों को लेकर शिक्षा विभाग ने नई तबादला नियमावली तैयार कर ली है, जिसे जल्द ही कैबिनेट की मंजूरी के लिए प्रस्तुत किया जाएगा। नियमावली में स्पष्ट प्रावधान किया गया है कि यदि किसी शिक्षक का 10वीं या 12वीं कक्षा का परीक्षा परिणाम लगातार दो वर्षों तक खराब रहता है, तो उसे अनिवार्य रूप से पर्वतीय क्षेत्र में तबादला किया जाएगा।
गौरतलब है कि प्रदेश में वर्ष 2017 से सभी विभागों में तबादले “तबादला एक्ट” के तहत हो रहे हैं, लेकिन शिक्षा विभाग ने शिक्षकों के लिए अलग नियमावली बनाई है। इसमें प्रदेश को दो भागों—पर्वतीय और मैदानी क्षेत्र—में विभाजित किया गया है। तबादले सेवा अंकों के आधार पर किए जाएंगे।
नियमावली के अनुसार, एक जनवरी से तबादला प्रक्रिया शुरू होगी और 31 मार्च तक आदेश जारी कर दिए जाएंगे। तबादले पूरी तरह ऑनलाइन प्रणाली के माध्यम से किए जाएंगे, जिसके लिए विशेष सॉफ्टवेयर विकसित किया गया है।
उच्च पर्वतीय जिले होंगे चार
पिथौरागढ़, उत्तरकाशी, चमोली और बागेश्वर को उच्च पर्वतीय जिले माना जाएगा। जबकि टिहरी, रुद्रप्रयाग, अल्मोड़ा, चंपावत, नैनीताल, पौड़ी और देहरादून के पर्वतीय क्षेत्र निम्न पर्वतीय जिले कहलाएंगे।
मुख्य बिंदु:
शिक्षकों को पूरे सेवाकाल में एक बार संवर्ग परिवर्तन की छूट
अविवाहित महिला शिक्षकों को विवाह के बाद पति के कार्यस्थल या गृह जिले में तबादले की एक बार अनुमति
SCERT, DIET और SIEMAT के शिक्षकों के तबादले भी इसी नियमावली के तहत
मैदानी और पर्वतीय क्षेत्रों में अधिकतम पांच-पांच साल की सेवा सीमा
तबादले पर तैनाती शिक्षक का “मूल अधिकार” नहीं मानी जाएगी
सरकार की मंशा यह है कि पारदर्शिता के साथ मेरिट आधारित तबादले हों और शिक्षण गुणवत्ता को भी प्राथमिकता दी जाए। कैबिनेट में अंतिम मंजूरी के बाद यह नियमावली लागू की जाएगी।
