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पीएफ खाते से भुगतान अटका सकती है, आपकी ये छोटी-छोटी सी गलतियां, निकासी का यह है सही तरीका

ईपीएफओ खाते (PF Account) से निकासी या फिर पेंशन के दावे छोटी-छोटी गलतियों की वजह से अटक रहे हैं। इन्हें कर्मचारी खुद भी सही करवा सकते हैं। ताकि पीएफ खाते से रकम की निकासी के वक्त किसी तरह की कोई भी दिक्कत ना हो।

ईपीएफओ के क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त विश्वजीत सागर के मुताबिक समय रहते अगर आप अपने ईपीएफओ के खाते से जुड़ी गलतियों को सही करवा लेते हैं। तो आंशिक निकासी या पेंशन भुगतान में किसी तरह की देरी नहीं होती है।


चिंता की बात है कि थोड़ी सी लापरवाही की वजह से लोगों को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है। उनके मुताबिक इन गलतियों को बिना ईपीएफओ दफ्तर आए और ऑनलाइन सीधे ईपीएफओ पोर्टल पर ही ठीक किया जा सकता है।

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भुगतान अटकने की प्रमुख वहज-
1- भविष्य निधि खाते में सीडिंग:- ईपीएफओ खातेदार को अपने भविष्य निधि खाते में अपने आधार, बैंक खाते एवं मोबाइल नंबर दर्ज न होना।


2- केवाईसी सही ना होना:- ईपीएफओ खाते की भी केवाईसी होती है। इसमें आधार, पैन कार्ड और बैंक खाते की डिटेल ऑनलाइन ईपीएफओ पोर्टल पर अपलोड करनी होती है। अगर इसमें नाम, जन्मतिथि में अंतर मिलता है तो भुगतान के लिए दवा भी नहीं कर सकते हैं।

3- बैंक की सही जानकारी ना होना:- बैंक खाते का सही विवरण ना देने आईएफएससी कोड सही दर्ज ना करने या फिर संयुक्त बैंक खाता न होने की वजह से भी पेंशन संबंधित प्रकरण अटक जाते हैं।

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4- रिकॉर्ड का मैच ना होना:- नौकरी ज्वाइन करने या छोड़ने की तारीख सही न होने पर भी यह दिक्कत आती है। इस तरह की दिक्कत कर्मचारी और नियोक्ता की संयुक्त घोषणा पत्र भरकर दूर कर सकते हैं।


5- सही फॉर्म का चयन:- अगर पूरा पीएफ और पेंशन निकालना चाहते हैं तो इसके लिए फॉर्म 19 और फॉर्म 10C दोनों को ही भर कर दें।


इन वजह से भी होती है दिक्कत
ईपीएफओ के आयुक्त विश्वजीत सागर के मुताबिक खाताधारक के पिता का नाम बैंक खाते और ईपीएफओ रिकॉर्ड में एक समान ना होने से भी भुगतान के दावे खारिज हो जाते हैं और साथ ही एक से अधिक भविष्य नीति खाता होने की स्थिति में यह दिक्कत आती है। ऐसे में अपने पुराने खाते को मौजूदा भविष्य निधि खाते में ट्रांसफर करवा लेना जरूरी है।

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समय पर करवा ले ई-नामांकन-
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन की ओर से खाता धारकों को ई- नामांकन जरूरी कर दिया है। भविष्य निधि आयुक्त विश्वजीत सागर के मुताबिक अगर ई- नामांकन समय रहते कर लेते हैं, तो इस तरह की दिक्कतें नहीं आती हैं। ईपीएफओ की ओर से सभी संस्थाओं को केवाईसी और ई-नामांकन को लेकर ऐसे सदस्यों की सूची ईमेल पर भेजी जा रही है। जिन्हें ई-नॉमिनेशन नहीं करवाया है।