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उत्तराखंड में शुरू हुआ UCC Portal पर रजिस्ट्रेशन, अब तक इतने लोगों ने कराया पंजीकरण

देहरादून न्यूज़- प्रदेश में समान नागरिक संहिता लागू हो चुकी है। इसके साथ ही संहिता को लागू करने के लिए बनाई गई नियमावली के अनुसार विवाह, विवाह-विच्छेद व वसीयत के संबंध में पंजीकरण होने शुरू हो गए हैं। इस क्रम में बुधवार तक कुल 278 पंजीकरण हो गए। इनमें से 19 पंजीकरण को पहले स्तर से स्वीकृति प्राप्त हो चुकी थी। इसे लागू करने में कोई परेशानी न हो, इसके लिए शासन ने आइटीडीए को पंजीकरण की सूचना से शासन को लगातार अपडेट करने के निर्देश दिए हैं।

 

प्रदेश सरकार ने समान नागरिक संहिता को लागू करने के लिए चार स्तर पर पंजीकरण करने की व्यवस्था की है। ग्राम स्तर पर ग्राम पंचायत विकास अधिकारी को उप रजिस्ट्रार व एसडीएम को रजिस्ट्रार बनाया गया है।

 

नगर पंचायत व नगर पालिका में अधिशासी अधिकारी को सब रजिस्ट्रार व एसडीएम को रजिस्ट्रार बनाया गया है। वहीं नगर निगम में कर अधीक्षकों को सब रजिस्ट्रार व नगर आयुक्त को रजिस्ट्रार बनाया गया है। कैंट क्षेत्र में मुख्य अधिशासी अधिकारी को रजिस्ट्रार व उनके द्वारा नामित अधिकारी को सब रजिस्ट्रार बनाया गया है।

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लिव इन के विषय को छोड़ सभी आवेदन सब रजिस्ट्रार के पास आएंगे। लिव इन के पंजीकरण का आवेदन सीधे रजिस्ट्रार देखेंगे। आनलाइन आवेदन के लिए कामन सर्विस सेंटर को अधिकृत किया गया है। आवेदक यदि चाहे तो यूसीसी की वेबसाइट के जरिये भी आवेदन कर सकते हैं।

 

सचिव गृह शैलेश बगौली ने बताया कि अब तक 278 व्यक्ति समान नागरिक संहिता के विभिन्न प्रविधानों के अंतर्गत पंजीकरण करा चुके हैं।

 

विवाह पंजीकरण

  • 26 मार्च 2010, से संहिता लागू होने की तिथि बीच हुए विवाह का पंजीकरण अगले छह महीने में करवाना होगा
  • संहिता लागू होने के बाद होने वाले विवाह का पंजीकरण विवाह तिथि से 60 दिन के भीतर कराना होगा
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आवेदकों के अधिकार

  • यदि सब रजिस्ट्रार- रजिस्ट्रार समय पर कार्रवाई नहीं करता है तो ऑनलाइन शिकायत दर्ज की जा सकती है।
  • सब रजिस्ट्रार के अस्वीकृति आदेश के खिलाफ 30 दिन के भीतर रजिस्ट्रार के पास अपील की जा सकती है।
  • रजिस्ट्रार के अस्वीकृति आदेश के खिलाफ 30 दिन के भीतर रजिस्ट्रार जनरल के पास अपील की जा सकती है।
  • अपीलें ऑनलाइन पोर्टल या ऐप के माध्यम से दायर हो सकेंगी।

 

लिव इन रिलेशनशिप पर क्या है नियम

संहिता लागू होने से पहले से स्थापित लिव इन रिलेशनशिप का, संहिता लागू होने की तिथि से एक महीने के भीतर पंजीकरण कराना होगा। जबकि संहिता लागू होने के बाद स्थापित लिव इन रिलेशनशिप का पंजीकरण, लिवइन रिलेशनशिप में प्रवेश की तिथि से एक महीने के भीतर पंजीकरण कराना होगा।

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लिव इन समाप्ति

एक या दोनों साथी ऑनलाइन या ऑफलाइन तरीके से लिव इन समाप्त करने कर सकते हैं। यदि एक ही साथी आवेदन करता है तो रजिस्ट्रार दूसरे की पुष्टि के आधार पर ही इसे स्वीकार करेगा।

 

यदि लिव इन से महिला गर्भवती हो जाती है तो रजिस्ट्रार को अनिवार्य तौर पर सूचना देनी होगी। बच्चे के जन्म के 30 दिन के भीतर इसे अपडेट करना होगा।

 

विवाह विच्छेद

तलाक या विवाह शून्यता के लिए आवेदन करते समय, विवाह पंजीकरण, तलाक या विवाह शून्यता की डिक्री का विवरण अदालत केस नंबर, अंतिम आदेश की तिथि, बच्चों का विवरण कोर्ट के अंतिम आदेश की कॉपी।