उत्तराखंड- सीपीआई (एम-एल) लिबरेशन के वरिष्ठ नेता कामरेड राजा बहुगुणा का निधन — उत्तराखंड के जन आंदोलनों ने खोया बड़ा नेतृत्व

देहरादून न्यूज़- भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन के केंद्रीय कंट्रोल कमीशन के अध्यक्ष और उत्तराखंड में पार्टी के संस्थापक नेताओं में से एक कामरेड राजा बहुगुणा का 28 नवंबर 2025 को दिल्ली में निधन हो गया। वे वर्ष 2023 से लिवर कैंसर से पीड़ित थे। उनके निधन की खबर से पार्टी कार्यकर्ताओं और जन आंदोलन से जुड़े संगठनों में गहरा शोक है। शोक संदेश जारी करते हुए कार्यकर्ताओं ने कहा कि— “पार्टी अपना लाल झंडा उस प्रिय कामरेड के सम्मान में झुकाती है, जिनका पूरा जीवन मेहनतकश जनता के संघर्षों को समर्पित रहा।”
राजनीतिक जीवन की शुरुआत
कामरेड राजा बहुगुणा का राजनीतिक सफर कॉलेज के दिनों में नैनीताल से शुरू हुआ। प्रारंभिक दौर में वे युवा कांग्रेस से जुड़े, लेकिन जल्द ही शासक-वर्गीय राजनीति से दूरी बनाकर आपातकाल विरोधी आंदोलन और चिपको आंदोलन से जुड़े, जहां से उनका प्रतिबद्ध जनपक्षीय संघर्षों का लंबा सफर शुरू हुआ।
उत्तराखंड में जन आंदोलनों की अग्रिम पंक्ति का चेहरा
सत्तर के दशक में वे उत्तराखंड संघर्ष वाहिनी के प्रमुख कार्यकर्ताओं में शामिल हुए और किसानों, मजदूरों, रोजगार तथा पर्यावरण से जुड़े अनेक आंदोलनों का नेतृत्व किया।
अस्सी के दशक में उन्होंने भाकपा (माले) को मजबूती देने में निर्णायक भूमिका निभाई और राज्य निर्माण आंदोलन में अग्रिम नेतृत्व किया। नैनीताल में उन्होंने विशाल रैलियां आयोजित कीं और पृथक उत्तराखंड राज्य के भविष्य पर महत्वपूर्ण पुस्तिकाएं लिखीं।
बहुगुणा उत्तराखंड पीपल्स फ्रंट तथा इंडियन पीपल्स फ्रंट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश अध्यक्ष भी रहे। उनके नेतृत्व में —
• बिंदुखत्ता में भूमिहीनों के लिए भूमि वितरण आंदोलन
• तराई में महिला उत्पीड़न विरोधी महतोषमोड़ आंदोलन
सहित कई ऐतिहासिक संघर्ष लड़े गए।
लोकतांत्रिक संघर्षों में अग्रणी नेतृत्व
जनता के आंदोलनों को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने पुलिस दमन, लाठीचार्ज और जेलों का साहसपूर्वक सामना किया।
1989 में उन्होंने पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ा और उल्लेखनीय समर्थन प्राप्त किया। 1990 के दशक तक उनके नेतृत्व में पार्टी ने उत्तराखंड के लगभग सभी क्षेत्रों में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज की।
वे सीपीआई (एम-एल) के राज्य सचिव, केंद्रीय कमेटी सदस्य, ट्रेड यूनियन एक्टू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और एआईपीएफ की केंद्रीय कार्यकारिणी के सदस्य भी रहे।
अंतिम समय और श्रद्धांजलि
वर्ष 2023 में पटना में आयोजित 11वें पार्टी महाधिवेशन में उन्हें केंद्रीय कंट्रोल कमीशन का अध्यक्ष चुना गया।
उनका निधन न सिर्फ पार्टी बल्कि उत्तराखंड के लोकतांत्रिक और सामाजिक आंदोलनों के लिए अपूरणीय क्षति माना जा रहा है।
पार्टी नेताओं ने कहा कि —
“कामरेड राजा बहुगुणा के विचार और संघर्ष आने वाली पीढ़ियों, खासकर युवाओं और मेहनतकश समाज को हमेशा प्रेरणा देते रहेंगे।”







