हल्द्वानी में स्मार्ट मीटर लगाने पहुंची टीम को करना पड़ा लोगों के विरोध का सामना, हंगामे के बाद लौटी बैरंग
वार्ड 14 जवाहरनगर में टीम और स्थानीय लोगों के बीच हुई छीनाझपटी, पार्षद समेत लोगों ने जताई नाराजगी — यूपीसीएल अधिकारियों ने दिया समझाने का प्रयास

हल्द्वानी न्यूज़– शहर में बिजली के स्मार्ट मीटर लगाने को लेकर विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। मंगलवार को वार्ड नंबर 14 टनकपुर रोड जवाहरनगर में स्मार्ट मीटर लगाने पहुंची टीम को लोगों के तीखे विरोध का सामना करना पड़ा। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि टीम और स्थानीय लोगों के बीच कहासुनी और छीनाझपटी तक हो गई। हंगामा बढ़ता देख टीम को काम अधूरा छोड़कर बैरंग लौटना पड़ा।
जानकारी के मुताबिक, मंगलवार सुबह करीब 11 बजे यूपीसीएल के लिए काम कर रही निजी कंपनी की टीम पुराने मीटर हटाकर नए स्मार्ट मीटर लगाने पहुंची थी। इसकी भनक लगते ही स्थानीय पार्षद समेत कई लोग मौके पर पहुंच गए और विरोध जताने लगे। देखते ही देखते मौके पर भीड़ इकट्ठा हो गई। लोगों ने सवाल किया कि स्मार्ट मीटर लगाने की आवश्यकता क्यों है, जबकि टीम इस पर कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सकी।
सूचना मिलने पर यूपीसीएल के एसडीओ यूके भास्कर मौके पर पहुंचे। उन्होंने लोगों को स्मार्ट मीटर की उपयोगिता और इसके फायदे बताने का प्रयास किया। हालांकि, लोगों ने पूर्व में सूचना न देने पर नाराजगी जताई और विरोध जारी रखा। करीब एक घंटे तक चले हंगामे के बाद टीम को काम रोकना पड़ा और वे लौट गए।
एसडीओ यूके भास्कर ने बताया कि लोगों ने अब मीटर लगाने के लिए समय मांगा है। जल्द ही फिर से अभियान चलाया जाएगा। वहीं, बिजली विभाग के ईई प्रदीप कुमार ने कहा कि लोगों को स्मार्ट मीटर के लाभ बताकर जागरूक किया जा रहा है।
पहले भी हुआ था विरोध
इससे पहले भी बरेली रोड स्थित वार्ड नंबर 20 में स्मार्ट मीटर लगाने का विरोध हो चुका है। स्थानीय लोगों का कहना है कि स्मार्ट मीटर लगने के बाद बिजली के बिल खपत से अधिक आ रहे हैं, जिससे उपभोक्ता परेशान हैं। वहीं, यूपीसीएल का कहना है कि स्मार्ट मीटर पारदर्शी बिलिंग प्रक्रिया और सटीक डाटा उपलब्ध कराने के लिए लगाए जा रहे हैं।
क्या बोले अधिकारी
मुख्य अभियंता (कुमाऊं) राजेंद्र सिंह गुंज्याल ने बताया कि स्मार्ट मीटर लगाने के लिए उपभोक्ता की सहमति जरूरी नहीं है। यह सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है, जिसके तहत उपभोक्ताओं को बेहतर सुविधा देने और बिलिंग प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने का प्रयास किया जा रहा है।







