ऑपरेशन सिंदूर में दिखा अदम्य साहस, दो चंपावत वीरों को मिला बड़ा सम्मान


चंपावत न्यूज़- जिले ने एक बार फिर देश को वीर सपूत दिए हैं। मूलरूप से चंपावत जिले के डंडा बिष्ट निवासी एवं वर्तमान में हल्द्वानी में रहने वाले लेफ्टिनेंट कर्नल सुशील बिष्ट को बहादुरी और साहस के लिए वीर चक्र से सम्मानित किया जाएगा। वहीं खेतीखान निवासी स्क्वाड्रन लीडर संजय कलखुड़िया को ऑपरेशन सिंदूर में अदम्य साहस दिखाने पर राष्ट्रपति पुरस्कार से नवाजा गया है।
स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर इन सम्मानों की घोषणा की गई, जिसके बाद पूरे जिले में खुशी की लहर दौड़ गई।
लेफ्टिनेंट कर्नल सुशील बिष्ट को वीर चक्र
लेफ्टिनेंट कर्नल सुशील बिष्ट वर्तमान में जम्मू-कश्मीर के ऊधमपुर में आर्टिलरी में तैनात हैं। उनके पिता, सेवानिवृत्त सीएमओ डॉ. जीबी बिष्ट ने बताया कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले के दौरान सुशील छुट्टी पर चंपावत आए हुए थे। लेकिन हमले की सूचना मिलते ही वे तुरंत ड्यूटी पर वापस लौट गए और ऑपरेशन सिंदूर में मोर्चा संभाला।
वीर चक्र की घोषणा से उनके पैतृक गांव डंडा बिष्ट और हल्द्वानी क्षेत्र में हर्षोल्लास का माहौल है। हल्द्वानी से इंटरमीडिएट की पढ़ाई करने वाले सुशील ने वर्ष 2010 में भारतीय सेना में कमीशन प्राप्त किया था।
स्क्वाड्रन लीडर संजय कलखुड़िया को राष्ट्रपति पुरस्कार
वहीं, खेतीखान निवासी स्क्वाड्रन लीडर संजय कलखुड़िया को भी ऑपरेशन सिंदूर में असाधारण साहस और नेतृत्व के लिए मेंशन-इन-डिस्पैचेस अवार्ड प्रदान किया गया। नई दिल्ली में आयोजित स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें यह सम्मान प्रदान किया।
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान संजय ने बेहतरीन नेतृत्व का परिचय दिया और बिना किसी जानमाल की हानि के अभियान को सफलतापूर्वक पूर्ण किया। वर्तमान में वे भारतीय वायुसेना में राजस्थान क्षेत्र में एक यूनिट के कमान अधिकारी हैं।
उनके सम्मानित होने पर पूरे क्षेत्र में हर्ष की लहर है। गांव में रह रही उनकी मां लक्ष्मी देवी ने कहा कि बेटे की उपलब्धि से उन्हें गर्व है। वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी दोनों वीर सपूतों की उपलब्धि पर बधाई दी और कहा कि यह पूरे उत्तराखंड के लिए गर्व की बात है।

