UPI यूजर्स सावधान! 1 फरवरी से ब्लॉक होंगे ये ट्रांजेक्शन, नहीं माने तो होगा नुकसान
यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) का उपयोग आज के समय में व्यापक रूप से किया जा रहा है। डिजिटल भुगतान के इस माध्यम ने न केवल कैशलेस लेनदेन को बढ़ावा दिया है, बल्कि इसे बेहद सरल और सुरक्षित भी बनाया है।
चाहे सब्जी मंडी हो या बड़े शॉपिंग मॉल, यूपीआई के माध्यम से भुगतान करना अब आम बात हो गई है। लेकिन यदि आप भी यूपीआई के जरिये नियमित लेनदेन करते हैं, तो यह खबर आपके लिए महत्वपूर्ण हो सकती है। भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) ने यूपीआई ट्रांजेक्शन से जुड़े कुछ नए नियम लागू करने का फैसला लिया है, जो एक फरवरी से प्रभावी होंगे।
एनपीसीआई का नया नियम
एनपीसीआई ने हाल ही में एक सर्कुलर जारी कर यह जानकारी दी है कि 1 फरवरी से कुछ खास प्रकार के यूपीआई ट्रांजेक्शन ब्लॉक कर दिए जाएंगे। विशेष रूप से, जिन यूपीआई आईडी में विशेष कैरेक्टर्स (Special Characters) का इस्तेमाल किया गया है, वे अब मान्य नहीं होंगे। यह नियम लागू होने के बाद केवल अल्फ़ान्यूमेरिक (Alphanumeric) कैरेक्टर्स का उपयोग करने वाली यूपीआई आईडी से ही लेनदेन किया जा सकेगा।
इसका सीधा प्रभाव उन उपयोगकर्ताओं पर पड़ेगा, जो यूपीआई आईडी में स्पेशल कैरेक्टर्स जैसे @, #, $, %, &, * आदि का उपयोग कर रहे हैं। ऐसे उपयोगकर्ताओं को अपनी आईडी को अपडेट करने की आवश्यकता होगी, अन्यथा उनके ट्रांजेक्शन अस्वीकार कर दिए जाएंगे। एनपीसीआई ने स्पष्ट किया है कि यह बदलाव यूपीआई लेनदेन को अधिक सुरक्षित और प्रभावी बनाने के लिए किया जा रहा है।
यूपीआई लेनदेन को मजबूत करने की दिशा में एक और कदम
एनपीसीआई ने इस निर्णय को ऐसे समय लागू किया है जब भारत में डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में तेजी से बदलाव हो रहे हैं। 2016 में नोटबंदी के बाद से यूपीआई भुगतान की लोकप्रियता में जबरदस्त वृद्धि देखी गई है। सरकार और विभिन्न बैंकिंग संस्थान भी इस माध्यम को और अधिक सुरक्षित बनाने की दिशा में निरंतर कार्य कर रहे हैं।
इस नए नियम का उद्देश्य न केवल यूपीआई लेनदेन को सुरक्षित बनाना है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करना है कि तकनीकी मानकों का सही से अनुपालन हो। जिन उपयोगकर्ताओं ने पहले से एनपीसीआई के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए अल्फ़ान्यूमेरिक यूपीआई आईडी का उपयोग किया है, उन्हें किसी प्रकार की समस्या नहीं होगी। लेकिन जो उपयोगकर्ता अब तक विशेष कैरेक्टर्स का उपयोग कर रहे थे, उन्हें अपनी आईडी बदलनी पड़ेगी।
सुरक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण कदम
एनपीसीआई की इस सख्ती के पीछे मुख्य उद्देश्य यूपीआई लेनदेन में होने वाली अनियमितताओं को रोकना है। कुछ मामलों में देखा गया है कि विशेष कैरेक्टर्स के उपयोग से आईडी को स्पूफ किया जा सकता है, जिससे धोखाधड़ी की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए, सभी बैंकिंग संस्थानों को इस नियम का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया गया है।
यूपीआई ट्रांजेक्शन का बढ़ता ग्राफ
यूपीआई की लोकप्रियता और बढ़ते लेनदेन की बात करें, तो आंकड़े इसकी सफलता को दर्शाते हैं। दिसंबर 2024 तक यूपीआई ट्रांजेक्शन का कुल आंकड़ा 16.73 बिलियन तक पहुंच गया था, जो एक रिकॉर्ड है। यह बताता है कि भारतीय उपभोक्ता डिजिटल भुगतान को तेजी से अपना रहे हैं। सरकार और बैंकिंग संस्थानों द्वारा लगातार किए जा रहे सुधार और सख्त नियम यूपीआई को और अधिक सुरक्षित और प्रभावी बनाने की दिशा में मददगार साबित होंगे।
उपयोगकर्ताओं को क्या करना चाहिए?
अगर आप यूपीआई का नियमित उपयोग करते हैं, तो यह सुनिश्चित करें कि आपकी यूपीआई आईडी केवल अल्फ़ान्यूमेरिक वर्णों से बनी हो। यदि आपकी वर्तमान आईडी में कोई विशेष कैरेक्टर शामिल है, तो जल्द से जल्द इसे अपडेट कर लें ताकि आपको लेनदेन में किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े।