उत्तराखण्डगढ़वाल,

उत्तराखंड- यहाँ दो आवासीय फ्लैट को जोड़कर बना दिया मदरसा-मस्जिद, एमडीडीए ने करी ये कार्यवाही

देहरादून न्यूज़- राजधानी देहरादून के पॉश इलाके में दो आवासीय फ्लैटों को जोड़कर अवैध रूप से मदरसा/मस्जिद का संचालन करते हुए यहां सामूहिक रूप से नमाज पढ़ी जा रही थी। भारी पुलिस बल, प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण ‘एमडीडीए’ ने परिसर को सील कर दिया है। इस प्रकरण पर हिंदू संगठनों ने रोष प्रकट किया था। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी एमडीडीए को निर्देशित किया था।

एमडीडीए के उपाध्यक्ष वंशीधर तिवारी ने बताया कि देहरादून में अगर कहीं और जगह भी कोई आवासीय परिसर में इस तरह से गतिविधियां करते हुए पाया जाएगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही होगी।

डालनवाला इलाके में इंदर रोड आवासीय योजना के अंतर्गत ईडब्ल्यूएस के दो फ्लैट को जोड़कर वहां इस्लामिक गतिविधियों का संचालन किया जा रहा था। इसकी शिकायत सीएम पोर्टल और एमडीडीए में की गई थी। हिंदू जागरण मंच ने भी आंदोलन किया था, जिसके बाद एमडीडीए ने इस मामले की जांच करने के बाद आवास परिसर को सील कर दिया।

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प्रशासनिक कार्यवाही के दौरान नगर मजिस्ट्रेट प्रत्यूष सिंह, एमडीडीए के संयुक्त सचिव रजा अब्बास, क्षेत्राधिकारी डालनवाला, एमडीडीए के अधिशाषी अभियंता सुनील कुमार, समस्त सहायक एवं अवर अभियंता समेत भारी पुलिस बल उपस्थित रहे।

सचिव मोहन सिंह बर्निया ने बताया कि इस मामले में भवन स्वामी लतीफुर्रहम के विरुद्ध एमडीडीए को शिकायत प्राप्त हुई थी कि चंदर रोड एमडीडीए स्थित ईडब्ल्यूएस फ्लैट संख्या 192 एवं 193 को आपस में जोड़कर उक्त फ्लैटों की मूल अवसंरचना परिवर्तित कर दी गई है। इस पर विपक्षी के विरुद्ध सुसंगत धाराओं में वाद दायर किया गया।

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जिला प्रशासन के स्तर से भी इस बाबत शिकायत प्राप्त हुई कि उक्त जोड़े गए परिसर में अवैध रूप से मदरसा/मस्जिद का संचालन करते हुए यहां सामूहिक रूप से नमाज पढ़ी जा रही है। जिस पर प्राधिकरण से कार्रवाई की अपेक्षा की गई। प्रकरण में उक्त परिसर की सीलिंग के आदेश पारित करते हुए 10 जुलाई 2023 की तारीख तय की गई। विपक्षीगण द्वारा आयुक्त गढ़वाल के समक्ष अपील की गई। माननीय न्यायालय द्वारा उक्त अपील को निरस्त किया गया। प्राधिकरण द्वारा पुनः 31 जुलाई सीलिंग की तारीख निर्धारित की गई।

प्राधिकरण के आदेश के विरुद्ध विपक्षी पुनः माननीय आयुक्त न्यायालय में गया। जिसे न्यायालय ने निरस्त कर दिया। इस दौरान विपक्षी ने शपथ पत्र प्रस्तुत किया जिसमें कहा कि वह उक्त परिसर को सार्वजनिक रूप से धार्मिक स्थल के रूप में प्रयोग नहीं करेंगे और साथ ही आश्वस्त किया कि उक्त परिसर की संरचना को पूर्व की भांति एक सप्ताह में ठीक कर दिया जाएगा। अन्यथा की स्थिति में प्राधिकरण नियमानुसार कार्यवाही के लिए स्वतंत्र होगा।

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वही 4 सितंबर को देवभूमि सामाजिक एवं जनविकास सांस्कृतिक संस्था द्वारा एक पत्र जिला प्रशासन के मार्फत एमडीडीए को मिला। जिसमें पुनः उक्त स्थल पर धार्मिक गतिविधि होने की शिकायत की गई। प्राधिकरण टीम के द्वारा 26/6/23 को पारित आदेशों के क्रम में आज उक्त भवन को एमडीडीए टीम व पुलिस बल की मौजूदगी में सील करा दिया गया।