उत्तराखण्डकुमाऊं,

उत्तराखंड- छह माह में बड़ा खुलासा- इस जिले में 11,291 स्थाई निवास आवेदन फर्जी — प्रशासन सख़्त, बड़े रैकेट के तार मिलने की आशंका

हल्द्वानी के वनभूलपुरा में फर्जी दस्तावेजों से स्थाई निवास प्रमाणपत्र बनाने के पर्दाफाश ने पूरे प्रदेश को हिला दिया है, लेकिन ऊधम सिंह नगर प्रशासन इससे पहले ही सतर्क हो चुका था। जिले में तेजी से हो रहे जनसांख्यिकीय बदलाव और बाहरी आबादी की बढ़ती बसावट को देखते हुए प्रशासन ने पिछले छह माह से विशेष निगरानी शुरू की थी। जांच के बाद जो आंकड़े सामने आए, वे चौंकाने वाले हैं।

 

 

जिला प्रशासन की रिपोर्ट के अनुसार 01 मई 2025 से 18 नवंबर 2025 तक स्थाई निवास प्रमाणपत्र के लिए कुल 46,530 आवेदन आए। इनमें से—

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32,881 आवेदन स्वीकृत

333 आवेदन लंबित

2,025 आवेदन प्रक्रिया में

जबकि 11,291 आवेदन फर्जी दस्तावेजों के चलते रिजेक्ट कर दिए गए

 

 

छह माह में इतनी बड़ी संख्या में आवेदनों का खारिज होना यह दर्शाता है कि जिले में फर्जी स्थाई निवास बनवाने की कोशिशें बड़े पैमाने पर की जा रही थीं।

 

कई क्षेत्र चिन्हित — बसावट तेजी से बढ़ी

कुमाऊं में जनसांख्यिकीय बदलाव के लिहाज से ऊधम सिंह नगर सबसे संवेदनशील माना जा रहा है।
जिले के ये क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित बताए गए हैं—

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किच्छा – सिरौलीकलां

खटीमा

जसपुर

काशीपुर

सुल्तानपुर पट्टी

 

इन इलाकों में बाहरी लोगों की बसावट तेजी से बढ़ने के साथ स्थाई निवास के आवेदन भी उछाल पर रहे।

 

गदरपुर में बड़ा खुलासा — मूल दस्तावेजों का जखीरा व फर्जी जनसेवा केंद्र

सोमवार को गदरपुर में एक बड़ा मामला सामने आया।

एक सीएचसी पर पेन कार्ड, आधार कार्ड, राशन कार्ड, बिजली बिल सहित कई लोगों के मूल दस्तावेज बरामद हुए

साथ ही दूसरे व्यक्ति की आईडी पर जनसेवा केंद्र संचालित किया जा रहा था

एसडीएम गदरपुर ऋचा सिंह ने तत्काल केंद्र को सील किया और जांच बैठा दी।

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प्रशासन और पुलिस अलर्ट मोड में

फर्जी स्थाई निवास प्रमाणपत्र मामलों पर काबू पाने के लिए

सभी एसडीएम को विशेष निगरानी के निर्देश

पुलिस और राजस्व विभाग संयुक्त जांच कर रहे हैं

दस्तावेजों की कड़ाई से मूल सत्यापन किया जा रहा है

 

अपर जिलाधिकारी, ऊधम सिंह नगर कौस्तुभ मिश्रा ने कहा —

“स्थाई निवास प्रमाणपत्रों के सत्यापन में किसी भी स्तर पर ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मूल दस्तावेजों की गहन जांच की जा रही है।”