उत्तराखंड – यहाँ एक और महिला को बाघ ने बनाया अपना निवाला
रामनगर (नैनीताल)। कॉर्बेट टाइगर रिजर्व (सीटीआर) के ढेला रेंज के जंगल में लकड़ी बीनने गई महिला को बाघ अन्य महिलाओं के बीच से उठा ले गया। दो घंटे की मशक्कत के बाद वनकर्मियों ने उसका शव बरामद किया।
सांवल्दे पश्चिमी निवासी दुर्गा देवी (50) पत्नी स्व. दान सिंह सुप्याल रविवार शाम चार बजे छह-सात महिलाओं के साथ जंगल में लकड़ी बीनने गई थी। महिलाएं कसेरूआ नाले से अंदर जंगल में लकड़ी बीन रही थीं। अन्य महिलाओं में देवी, दीपा देवी आदि घटना की सूचना पर सरकारी अस्पताल पहुंचे ग्रामीणों ने वहां मौजूद ढेला रेंजर अजय ध्यानी का घेराव कर दिया। ग्रामीणों की रेंजर से बहस हो गई। रेंजर बार-बार ग्रामीणों को जंगल में नहीं जाने की सलाह दे रहे थे।
वही ग्रामीणों का कहना था कि वे मजबूरी में जंगल जा रहे हैं। हिंसक वन्यजीव फसलों को नष्ट कर मवेशियों को भी निवाला बना रहे हैं। चूल्हा जलाने की व्यवस्था के लिए जंगल जाना पड़ता है।
महिलाओं के अनुसार जब वे सड़क से दो सौ मीटर की दूरी पर थीं, तभी घात लगाए बाघ ने दुर्गा पर हमला कर दिया। बाघ उसे जंगल के अंदर घसीटकर ले गया। महिलाओं की सूचना पर वनकर्मियों की टीम महिला को तलाशने जंगल में गई। हवाई फायर करते हुए सड़क से चार किमी अंदर महिला का शव बरामद हुआ। महिला के सिर का कुछ हिस्सा बाघ खा चुका था। कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक दिगांथ नायक ने बताया कि ग्रामीणों को जंगल में लकड़ी बीनने नहीं जाने को कहा जाता है लेकिन वे नहीं मान रहे हैं। आज महिला का पोस्टमार्टम किया जाएगा।
ग्रामीणों ने बताया कि दुर्गा के पति का काफी समय पहले देहांत हो चुका है। इकलौती बेटी की शादी के बाद वह गांव में अकेले रहती थी और आसपास पड़ोस के लोग ही उसका ध्यान रखते हैं। खाना बनाने के लिए लकड़ी के इंतजाम को वह समय-समय पर जंगल जाती रहती थीं।