उत्तराखण्डकुमाऊं,

उत्तराखंड- यहाँ गुलदार पर टूटी पहाड़ की ‘दुर्गा’, पीछे से पकड़कर हवा में उछाला, मुंह का निवाला छोड़ कर भागा

गंगोलीहाट न्यूज़- पहाड़ की महिलाएं अपने साहस और जीवटता के लिए जानी जाती हैं। यहां संकट सामने आने पर वह पीठ नहीं दिखातीं, बल्कि हिम्मत के साथ उसका सामना करती हैं। शुक्रवार सुबह तहसील के स्यूंतोला गांव में ऐसा ही साहसिक दृश्य देखने को मिला, जब एक महिला ने अपने पालतू जानवर को बचाने के लिए गुलदार से सीधे भिड़ंत ले ली।

 

 

स्यूंतोला गांव निवासी पुष्पा देवी पत्नी पूरन लाल रोज की तरह सुबह करीब 6 बजे अपने पालतू जानवरों को गौशाला से निकालकर खुले में बांध रही थीं और मच्छरों से बचाने के लिए धुएं का इंतजाम कर रही थीं। इसी दौरान, पीछे घात लगाए एक गुलदार ने उनकी बकरी पर हमला कर दिया।

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जब पुष्पा ने मुड़कर देखा, तो गुलदार बकरी की गर्दन अपने जबड़ों में दबाए था। पालतू जानवर की हालत देखकर पुष्पा का खून खौल उठा। बिना कोई देर किए वह दौड़ीं और पीछे से गुलदार के दोनों पिछले पैर पकड़कर उसे जोर से उछाल दिया। अचानक हमले और महिला की बहादुरी से घबराकर गुलदार बकरी को छोड़कर भाग खड़ा हुआ।

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शोर सुनकर आसपास के ग्रामीण मौके पर पहुंचे और पुष्पा देवी की हिम्मत की जमकर सराहना की। घटना की सूचना पास के रा.प्रा.वि. स्यूंतोला के शिक्षक ने वन विभाग को दी।

 

 

सूचना पर वनकर्मी शुभम कुमार मौके पर पहुंचे, उन्होंने ग्रामीणों और विद्यालय के बच्चों को वन्यजीवों से बचाव के लिए जागरूक किया।

 

 

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वन क्षेत्राधिकारी बृज मोहन टम्टा ने बताया कि ग्राम पंचायत चौड़, धुरोली और डम्डे में पिछले कई दिनों से गुलदार की सक्रियता बनी हुई है। एक सप्ताह पूर्व गुलदार ने ग्राम डम्डे में बिहारीलाल पर हमला कर उन्हें गंभीर रूप से घायल कर दिया था। विभाग लगातार गश्त कर रहा है और लोगों को खेतों व पहाड़ी इलाकों में अकेले न जाने की सलाह दी गई है, क्योंकि गुलदार के छिपकर बैठने की आशंका बनी रहती है।