उत्तराखण्डगढ़वाल,

उत्तराखंड- बारिश-बर्फबारी से सहस्त्रताल में फंसा कर्नाटक का ट्रेकिंग दल, 4 ट्रेकरों की मौत, 13 की हालत गंभीर, रेस्‍क्‍यू के लिए टीम हुई रवाना

उत्तरकाशी न्यूज़- भटवाड़ी मल्ला-सिल्ला-कुशकल्याण-सहस्त्रताल की ट्रेकिंग पर गए 4 ट्रेकरों मृत्यु होने की सूचना है। जबकि 13 ट्रेकर गंभीर रूप से बीमार हैं। ट्रेकिंग दल के एक सदस्य ने मंगलवार की शाम को यह जानकारी जिला आपदा प्रबंधन उत्तरकाशी तक पहुंचाई है। जिसके बाद जिला प्रशासन सक्रिय हो गया है। इस ट्रेकिंग दल ने पर्यटन और वन विभाग से 29 मई से 7 जून तक की अनुमति ली थी।

 

सहस्त्रताल की ट्रैकिंग रुट पर फंसे ट्रेकर्स को रेस्क्यू करने के लिए एसडीआरएफ व वन विभाग के रेस्क्यू दल अलग-अलग दिशाओं से घटना स्थल के लिए रवाना हो चुकी है। वन विभाग के दस सदस्यों की रेकी व रेस्क्यू टीम सिल्ला गांव से सहस्त्रताल के लिए निकल चुकी है।

 

जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से एसडीआएफ का दल भी बुधवार तड़के टिहरी जिले के बूढ़ाकेदार की ओर से रेस्क्यू की कार्रवाई शुरू करने के लिए रवाना हो चुका है। इस रेस्क्यू अभियान के समन्वय में जुटे पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी ने बताया कि एसडीआरएफ की माउंटेनियरिंग टीम भी देहरादून से हेलीकॉप्टर से एरियल रैकी के रवाना होने वाली है।

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उत्तरकाशी के जिलाधिकारी डॉ मेहरबान सिंह बिष्ट ने बताया कि जिला अस्पताल उत्तरकाशी और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भटवाड़ी को अलर्ट पर रखा गया है। आइटीबीपी मातली से भी 14 रेस्क्यूअर्स और एक चिकित्सक को भी घटनास्थल के लिए रवाना किया गया है। एनआइएम से भी बैकअप टीम रवाना की जा रही है।

 

रेस्क्यू अभियान को लेकर जिले का आपदा कंट्रोल रूम मंगलवार देर शाम से ही निरंतर सक्रिय है। कंट्रोल रूम को मिली जानकारी के अनुसार टिहरी जिला प्रशासन की ओर से भी हैली रेस्क्यू के लिए अरदंगी हैलीपेड को अलर्ट मोड पर रखा गया है। जहां पर एम्बुलेंस टीम, लोनिवि व पुलिस की टीम तैनात की गई है। खोज बचाव हेतु जनपद टिहरी से भी वन विभाग, एसडीआरएफ पुलिस व स्थानीय लोगों की टीम रवाना की जा रही है, जो कि घनसाली के पिंस्वाड से पैदल रवाना होंगी।

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प्राप्त जानकारी के अनुसार कर्नाटक ट्रेकिंग एसोसिएशन का 22 सदस्सीय ट्रेकिंग दल उत्तरकाशी के सिल्ला गांव से 29 मई को सहस्त्रताल के लिए रवाना हुआ। इस दल में 18 ट्रेकर बैंगलोर कर्नाटक और एक ट्रेकर पुणे महाराष्ट्र का शामिल हुआ है। इस दल के साथ तीन गाइड भी शामिल हैं। जो उत्तरकाशी के निवासी है।

 

बेस कैंप से सहस्त्रताल समिट के लिए यह दल 3 जून को चला। समिट करने के बाद इस दल को बेस कैंप लौटना था। परंतु सहस्त्रताल क्षेत्र में वर्षा, बर्फबारी होने के कारण यह ट्रेकिंग दल बीच में ही फंस गया। साथ ही घना कोहरा छाने के कारण इस ट्रेकिंग दल का वापस बेस कैंप लौटने का रास्ता भटक गया। दल के सदस्य भी आपस में बिछुड़ गए।जिस कारण पूरे दल को वर्षा और बर्फबारी के बीच पत्थरों की आड़ में रात काटनी पड़ी। बीमार और ठंड लगने से चार ट्रेकरों की मृत्यु हुई।

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इसकी जानकारी दल के गाइड व अन्य सदस्यों को मंगलवार की सुबह ही प्राप्त हुई। मंगलवार की दोपहर को ट्रेकिंग दल के सात सदस्य किसी तरह से बेस कैंप लौटे। जबकि 11 सदस्य अभी भी सहस्त्रताल के कोखली टॉप क्षेत्र में बीमार अवस्था में फंसे हुए हैं। इनके अलावा दो अन्य सदस्यों की स्थिति भी गंभीर है। इनको निकालने के लिए ट्रेकिंग दल के गाइड ने जिला प्रशासन उत्तरकाशी और जिला आपदा प्रबंधन उत्तरकाशी से हेली रेस्क्यू की मांग की है। जिससे इन ट्रेकरों की जान बच सके।

 

उत्तरकाशी के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने कहा कि उत्तरकाशी-टिहरी जनपद की सीमा से लगे मल्ला-सिल्ला-कुशकल्याण-सहस्त्रताल ट्रेक पर 22 सदस्य दल ट्रेकिंग के लिए गया था। इनमें चार सदस्यों की मौत की सूचना है।