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ब्रेकिंग न्यूज़- आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह गिरफ्तार, पढ़े पूरी खबर

दिल्ली शराब नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने बुधवार सुबह आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सांसद संजय सिंह के दिल्ली आवास पर छापा मारा। यह तलाशी शराब घोटाला मामले में हुई। दोपहर के बाद ईडी ने संजय सिंह को गिरफ्तार लिया। करीब 10 घंटे पूछताछ के बाद ईडी ने यह कार्रवाई की है। इससे पहले इसी मामले में सांसद के कई अन्य करीबी लोगों के परिसरों की तलाशी ली गई थी। संजय सिंह की गिरफ्तारी की खबर सामने आने के बाद आम आदमी पार्टी में हलचल मच गई है।

ईडी के आरोप पत्र के अनुसार, दिल्ली के व्यवसायी दिनेश अरोड़ा, जिन्हें दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में आरोपी के रूप में नामित किया गया था। पहले संजय सिंह की उपस्थिति में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से उनके आवास पर मुलाकात की थी। एक बयान में अरोड़ा ने ईडी को बताया कि उनकी मुलाकात एक कार्यक्रम के दौरान संजय सिंह से हुई थी। जिसके बाद वह दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के भी संपर्क में आए थे। 

आगे बताया कि यह कार्यक्रम दिल्ली चुनाव से पहले धन जुटाने के लिए आयोजित किया गया था। इस साल मई में ईडी ने सिंह के करीबी सहयोगियों के परिसरों की तलाशी ली थी और उन्होंने आरोप लगाया था कि ईडी ने दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मामले के संबंध में उनके दो सहयोगियों अजीत त्यागी और सर्वेश मिश्रा के घरों पर छापेमारी की। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह के आवास पर ईडी की छापेमारी चल रही है।

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संजय सिंह के आवास समेत अन्य जगहों पर जांच एजेंसी की छापेमारी के बाद उनकी गिरफ्तारी को लेकर आप नेता से लेकर कार्यकर्ता विरोध करते रहे। इसका असर उत्तर प्रदेश के लखनऊ में भी देखने को मिला। आप कार्यकर्ताओं ने लखनऊ में प्रदर्शन किया है। आप कार्यकर्ताओं ने लखनऊ के हजरतगंज में प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्हें पुलिस ने हिरासत में ले लिया। कार्यकर्ताओं की पुलिसकर्मियों के साथ झड़प भी हुई।

शराब नीति मामले में ईडी की कार्रवाई पर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उनके घर पर कुछ भी नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा कि साल 2024 के चुनाव आ रहे हैं। वे जानते हैं कि वे हार जाएंगे। ये उनके हताश प्रयास हैं। जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आएंगे। ईडी, सीबीआई जैसी सभी एजेंसियां एक्टिंग हो जाएंगी। 

17 नवंबर 2021 को दिल्ली सरकार ने राज्य में नई शराब नीति लागू की। इसके तहत राजधानी में 32 जोन बनाए गए और हर जोन में ज्यादा से ज्यादा 27 दुकानें खुलनी थीं। इस तरह से कुल मिलाकर 849 दुकानें खुलनी थीं। नई शराब नीति में दिल्ली की सभी शराब की दुकानों को प्राइवेट कर दिया गया। इसके पहले दिल्ली में शराब की 60 प्रतिशत दुकानें सरकारी और 40 प्रतिशत प्राइवेट थीं। नई पॉलिसी लागू होने के बाद 100 प्रतिशत प्राइवेट हो गईं। सरकार ने तर्क दिया था कि इससे 3,500 करोड़ रुपये का फायदा होगा। 

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सरकार ने लाइसेंस की फीस भी कई गुना बढ़ा दी। जिस एल-1 लाइसेंस के लिए पहले ठेकेदारों को 25 लाख देना पड़ता था, नई शराब नीति लागू होने के बाद उसके लिए ठेकेदारों को पांच करोड़ रुपये चुकाने पड़े। इसी तरह अन्य कैटेगिरी में भी लाइसेंस की फीस में काफी बढ़ोतरी हुई।

शराब ब्रिकी के लिए ठेकेदारों को लाइसेंस लेना पड़ता है। इसके लिए सरकार ने लाइसेंस शुल्क तय किया है। सरकार ने कई तरह की कैटेगिरी बनाई है। इसके तहत शराब, बीयर, विदेशी शराब आदि को बेचने के लिए लाइसेंस दिया जाता है। अब उदाहरण के लिए पहले जिस लाइसेंस के लिए ठेकेदार को 25 लाख रुपये का भुगतान करना पड़ता था, नई शराब नीति लागू होने के बाद उसी के लिए पांच करोड़ रुपये देने पड़े।

आरोप है कि दिल्ली सरकार ने जानबूझकर बड़े शराब कारोबारियों को फायदा पहुंचाने के लिए लाइसेंस शुल्क बढ़ाया। इससे छोटे ठेकेदारों की दुकानें बंद हो गईं और बाजार में केवल बड़े शराब माफियाओं को लाइसेंस मिला। विपक्ष का आरोप ये भी है कि इसके एवज में आप के नेताओं और अफसरों को शराब माफियाओं ने मोटी रकम घूस के तौर पर दी।

पहली चार्जशीट में पहली बार मनीष सिसोदिया का नाम आरोपी के तौर पर सामने आया था। कई अन्य लोग भी शामिल थे। इसके बाद दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े धनशोधन के एक मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने विशेष अदालत में दूसरा पूरक आरोपपत्र दाखिल किया है। इसमें तीन व्यक्तियों राघव मगुंटा, राजेश जोशी और गौतम मल्होत्रा के अलावा उनसे जुड़ी पांच कंपनियों को आरोपी बनाया गया है। 

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ईडी ने अभी तक इस मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया एवं व्यवसायी अमनदीप सिंह ढाल के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल नहीं किया था। दूसरी चार्जशीट में ईडी ने 12 आरोपी बनाए थे। ईडी ने राउज एवेन्यू कोर्ट में दिल्ली शराब आबकारी नीति मामले में दूसरी चार्जशीट दायर की थी। चार्जशीट में 12 अभियुक्तों के नाम शामिल थे। विजय नायर, शरथ रेड्डी, बिनॉय बाबू, अभिषेक बोइनपल्ली, अमित अरोड़ा और 7 कंपनियों के नाम थे। अभी भी जांच जारी है।

साल 2021-22 की नई शराब नीति लागू होने के बाद कई गड़बड़ियों की शिकायतें मिली थीं। एमएचए के डायरेक्टर ने सीबीआई से शराब घोटाले की जांच कराने का आदेश दिया था। जिसके बाद एलजी विनय कुमार सक्सेना को एक लेटर भेजा गया। जिसमें गड़बड़ियों का जिक्र था। इसके बाद एलजी ने जांच की मंजूरी दी और नई शराब नीति की जांच शुरू हो गई। पहले दिल्ली मुख्य सचिव ने भी इस मामले पर शिकायत की थी।

दिल्ली भाजपा प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि उन्होंने इस शराब नीति के जरिए करोड़ों कमाए। आज जांच एजेंसी ने उनके खिलाफ कार्रवाई की है। इस मामले में दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल और उनके कट्टर ईमानदार नेताओं के चेहरे बेकनाब होंगे। इन्होंने दिल्ली की जनता को लूटा है। चार्जशीट में पहले से संजय सिंह का नाम था।