Earbuds का लगातार यूज कर रहे हैं? ये लापरवाही बना सकती है जिंदगी भर का दर्द


मोबाइल या टैबलेट से इयरबड्स जोड़कर संगीत और फिल्मों का आनंद लेना आजकल हर उम्र के लोगों की पसंद बन गया है। लेकिन यही आदत स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। लगातार इयरबड्स का उपयोग कानों की सुनने की शक्ति को स्थाई रूप से नुकसान पहुंचा सकता है।
सोबन सिंह जीना बेस चिकित्सालय की ईएनटी सर्जन डा. कविता लोहनी ने दैनिक जागरण के हेलो डाक्टर कार्यक्रम में बताया कि इयरबड्स से निकलने वाली तेज आवाज कान की आंतरिक संरचना को प्रभावित करती है। इससे हेयर सेल्स और नसों को नुकसान पहुंचता है और व्यक्ति की श्रवण शक्ति घट सकती है।
बच्चे की सुनने की क्षमता गई
डा. लोहनी ने बताया कि हल्द्वानी के एक बच्चे को रातभर इयरबड्स लगाकर सोने की वजह से सुनने की शक्ति गंवानी पड़ी। सुबह उठने पर उसे कुछ सुनाई नहीं दिया। जांच में पाया गया कि उसका कान खराब हो चुका है और अभी तक उसकी सुनने की क्षमता वापस नहीं लौटी है।
उन्होंने बताया कि ऐसे केस तेजी से बढ़ रहे हैं, खासकर बच्चों और युवाओं में।
इयरबड्स से हो सकते हैं ये नुकसान
टिनिटस (कान बजना) – अकेले में भी आवाजें सुनाई देने लगती हैं।
फंगस का खतरा – कान में हवा न पहुंचने से फंगस और खुजली की समस्या।
श्रवण शक्ति का ह्रास – लंबे समय तक तेज आवाज सुनने से स्थायी सुनने की क्षमता जा सकती है।
ध्यान रखें ये जरूरी बातें
दूसरों के इयरबड्स का इस्तेमाल न करें।
सोने से पहले इयरबड्स कतई न लगाएं।
जरूरत पड़ने पर कम आवाज में सीमित समय तक ही इस्तेमाल करें।
बच्चों को इयरबड्स के उपयोग से रोकें।
वाहन चलाते और पैदल चलते समय न लगाएं।
मोबाइल फोन को सीधे कान पर लगाने से बचें।
कान की सफाई को लेकर चेतावनी
डा. लोहनी ने कहा कि लोग अक्सर माचिस की तीली या रुई वाले इयरबड्स से कान साफ करते हैं, जो बेहद खतरनाक है। इससे कान की झिल्ली को नुकसान पहुंच सकता है। उन्होंने कान में खुजली या पस की समस्या होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाने की सलाह दी।
👉 यह खबर जागरूकता के लिहाज से काफी अहम है।

