धराली आपदा और बारिश की चुनौतियों के बीच 19 अगस्त से गैरसैंण विधानसभा सत्र, सड़क मार्ग बना सबसे बड़ी मुश्किल


देहरादून/गैरसैंण- उत्तराखंड में जहां एक ओर धराली आपदा और लगातार हो रही भारी बारिश से हालात गंभीर बने हुए हैं, वहीं दूसरी ओर 19 अगस्त से ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण (भराड़ीसैंण) में विधानसभा सत्र शुरू होने जा रहा है। यह सत्र सरकार और विधानसभा सचिवालय दोनों के लिए दोहरी चुनौती लेकर आ रहा है।
मौसम विभाग ने 22 अगस्त तक प्रदेशभर में बारिश जारी रहने का अलर्ट जारी किया है। ऐसे में सरकारी अमले को आपदा प्रबंधन और सत्र के सफल संचालन दोनों मोर्चों पर सजग रहना होगा।
तैयारियां पूरी, टीमें रवाना
विधानसभा सचिवालय की ओर से गैरसैंण सत्र की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। सचिवालय से अधिकारियों और कर्मचारियों की टीमें रविवार और सोमवार से गैरसैंण के लिए कूच करना शुरू कर चुकी हैं। एक टीम पहले ही गैरसैंण पहुंच चुकी है, जबकि दूसरी टीम रविवार को रवाना हुई।
22 तक मौसम का अलर्ट
विधानसभा सत्र 22 अगस्त तक चलेगा। इधर, मौसम विभाग का कहना है कि 22 तक बारिश का दौर जारी रहेगा। इससे विधायकों, अधिकारियों और कर्मचारियों के गैरसैंण तक पहुंचने में खासी दिक्कतें आ सकती हैं।
हाईवे की हालत बिगड़ी
सबसे बड़ी चुनौती सड़क मार्ग को लेकर है। बदरीनाथ हाईवे कई जगहों से खराब हाल में है। कौड़ियाला में हाईवे पिछले ढाई दिन से बंद पड़ा है। कमेड़ा और सिरोबगड़ में भी मार्ग बुरी तरह प्रभावित है। वहीं, कर्णप्रयाग से गैरसैंण जाने वाला रास्ता भी आसान नहीं है। जखेड़, सिरोली और आदिबदरी के पास बकरिया मोड़ पर भूस्खलन से सड़क बार-बार बाधित हो रही है। भारी बारिश की स्थिति में इन मार्गों का खुला रहना मुश्किल हो सकता है।
सरकार का दावा, हर चुनौती से निपटेंगे
संसदीय कार्यमंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि सरकार गैरसैंण सत्र का सफलतापूर्वक संचालन करने के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने दावा किया कि सरकार हर चुनौती से निपटने में सक्षम है।

