हल्द्वानी- यहाँ प्रशासन ने पुलिस फोर्स की मौजूदगी में दो दुकानें एवं दो भवनों को किया ध्वस्त, भवन स्वामी ने राजस्व अधिकारियों के सामने फाड़ दिया नोटिस
राष्ट्रीय राजमार्ग 109 गोरापड़ाव क्षेत्र में सड़क निर्माण के दौरान बाधक बन रहे भवन एवं दुकान को स्वामियों ने मुआवजा लेने के बावजूद निर्माण कार्यों को नहीं हटाया। सोमवार को जब राजस्व अधिकारी संबंधित लोगों को निर्माण कार्य को हटाने संबंधी नोटिस तामील कराने पहुंचे तो राजस्व अधिकारियों के सामने ही एक भवन स्वामी ने नोटिस फाड़कर फेंक दिया। बाद में प्रशासन ने पुलिस फोर्स की मौजूदगी में दो दुकानें एवं दो भवनों को ध्वस्त कर दिया।
गोरापड़ाव के हरिपुरपूर्णानंद गांव के पास एनएच 109 पर दो दुकानें एवं दो आवासीय भवन सड़क चौड़ीकरण में बाधक बन रहे थे। अधिकारियों के मुताबिक भवन और दुकान स्वामियों को निर्माण कार्य हटाने के लिए मुआवजा दिया जा चुका था, लेकिन उन्होंने इसके बाद भी दुकान और भवन को ध्वस्त नहीं कराया। इसके बाद भी उन्हें कई बार नोटिस दिया गया।
एनएच की ओर से सड़क चौड़ीकरण के लिए नाली बनाई जा रही थी, लेकिन दो दुकानें और दो भवन इसमें बाधक बन रहे थे। सोमवार को राजस्व अधिकारी पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने भवन और दुकान स्वामी को नोटिस दिया। इस दौरान एक भवन स्वामी ने नोटिस फाड़ दिया। बाद में अधिकारियों ने सख्ती दिखाते हुए पुलिस की मौजूदगी में दुकान और भवन से सामान बाहर निकालकर दोनों दुकानों और दोनों भवनों को ध्वस्त कर दिया।
वही टीम में तहसीलदार सचिन कुमार, एनएचआई के अधिकारी मौजूद थे। तहसीलदार सचिन कुमार ने बताया कि उन्हें दो दुकान और दो मकानों के ध्वस्तीकरण के निर्देश प्राप्त हुए थे। मौके पर दो दुकानों और दो मकानों का ध्वस्तीकरण कर दिया गया है।
वन विभाग जल्द ही बागजाला क्षेत्र में अतिक्रमणकारियों के खिलाफ ध्वस्तीकरण की कार्यवाही करेगा। अब तक क्षेत्र में करीब तीन सौ से अधिक छोटे बड़े अतिक्रमण सामने आए हैं। तराई पूर्वी वन प्रभाग के गौलापार स्थित बागजाला क्षेत्र में सरकारी भूमि पर पिछले कई वर्षों से अतिक्रमणकारी काबिज हैं। लोकसभा चुनाव से पहले भी वन विभाग ने बागजाला और इसके आसपास के क्षेत्र से अतिक्रमण हटाया था। अब फिर से क्षेत्र में अतिक्रमण हटाया जाएगा। प्रभागीय वनाधिकारी हिमांशु बागड़ी ने बताया कि बागजाला क्षेत्र में 100 हेक्टेयर वन भूमि पर करीब 300 कच्चे-पक्के अतिक्रमण हैं। जिन्हें चिह्निकरण के बाद जल्द सभी को नोटिस जारी किए जाएंगे और उसके बाद अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही होगी।