हेल्थ- किडनी में गांठ होने पर शरीर में दिखने लगते हैं ये 5 बदलाव, पेट के इन हिस्सों में भी होती है बहुत परेशानी, पढ़े पूरी खबर
किडनी हमारे शरीर का अभिन्न अंग है, इसमें किसी भी तरह की परेशानी होने पर कई समस्याएं जन्म ले सकती हैं। किडनी स्वास्थ्य के महत्व के बारे में लोगों को जागरुक करने के लिए हर साल हर साल 9 मार्च को विश्व किडनी दिवस मनाया जाता है। इसी मौके पर हम आपको किडनी में गांठ की परेशानी होने पर शरीर में दिखने वाले लक्षणों के बारे में बताएंगे।
बता दें कि किडनी सिस्ट (किडनी में गांठ) तरल पदार्थ की गोल थैली होती हैं, जो किडनी पर या उसके अंदर विकसित होती है। किडनी के बेहतर ढंग से कार्य न करने की वजह से किडनी सिस्ट होने का खतरा रहता है। लेकिन अधिकतर, किडनी में गांठ की परेशानी सामान्य होती है। साधारण किडनी सिस्ट कैंसर नहीं होते हैं और शायद ही कभी समस्याएं पैदा करते हैं। किडनी में गांठ की परेशानी होने पर शरीर में की तरह के बदलाव नजर आते हैं, इस लेख में हम आपको किडनी में होने वाली गांठ के लक्षण क्या हैं इस बात की जानकारी देंगे।
इस विषय पर जानकारी देते हुए दिल्ली के शालीमार बाग में स्थित फॉर्टिस्ट हॉस्पिटल के रोबोटिक एक किडनी ट्रांसप्लांट सर्जन यूरोलॉनिस्ट डॉक्टर विकास जैन ने बताया कि किडनी में गांठ के लक्षण क्या हैं?
किडनी में गांठ के लक्षण क्या हैं?
पेशाब में खून आना
किडनी में गांठ की परेशानी होने पर पेशाब करते समय यूरिन में ब्लड आ सकता है। इस दौरान यूरिन निकालते समय मरीजों को काफी दर्द महसूस होता है। साथ ही यूरिन से बदबू भी आती है।
काफी ज्यादा थकावट
किडनी में गांठ के कारण शरीर में ऊर्जा की कमी हो सकती है, जिससे व्यक्ति काफी ज्जल्दी थका हुआ सा महसूस करता है। साथ ही मरीजों में। भूख की कमी देखी जा सकती है।
वजन कम होना
किडनी में गांठ के कारण व्यक्ति का बिना वजह काफी तेजी से वजन घट सकता है, क्योंकि उसके शरीर में पोषण की प्रबंधन क्षमता में कमी हो सकती है।
पेट के ऊपरी भाग में दर्द होना
किडनी में गांठ की परेशानी होने पर पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द या खिंचाव महसूस हो सकता है। ऐसी स्थिति में एक बार अपने यूरोलॉजिस्ट से संपर्क करें।
पेट के ऊपरी हिस्से में सूजन
डॉक्टर का कहना है कि अगर गांठ बड़ी हो और रोगी पतला है, तो पेट के ऊपरी हिस्से में सूजन हो सकती है।
किडनी में गांठ की परेशानी होने पर शरीर में कई तरह के बदलाव देखे जा सकते हैं। इन बदलावों पर ध्यान देकर आप अपना समय पर इलाज कराएं।