उत्तराखंड के पहाड़ी शहर में हर तीसरा व्यक्ति ढूंढ रहा बकरी का दूध और पपीते के पत्ते! लेकिन यह बीमारी डेंगू नहीं
- लैब में जांच कराने वाले 10 में से तीन लोगों में यह समस्या
- वायरल की समस्या से जूझ रहे लोगों में भी प्लेटलेट्स कम
पिथौरागढ़ न्यूज़– जिले में इन दिनों बकरी के दूध और पपीतों के पत्तों की मांग अचानक बढ़ गई है। बाजार में लोग कीवी भी ढूंढ रहे हैं। कारण लोगों के खून में प्लेटलेट्स कम होना बताया जा रहा है। जिला चिकित्सालय की पैथोलोजी लैब में जांच कराने वाले 10 में से तीन लोगों में यह समस्या आ रही है।
चिकित्सा विज्ञान मानता है कि डेंगू में प्लेटलेट्स कम होती हैं। कुछ अन्य बीमारियों में भी यह समस्या सामने आती है, लेकिन इन दिनों वायरल की समस्या से जूझ रहे लोगों में भी प्लेटलेट्स कम होने की शिकायत जांच में सामने आ रही हैं।
वायरल पहले भी लोगों को होता रहा है, लेकिन इस तरह की दिक्कत कभी सामने नहीं आई। प्लेटलेट्स गिरने की रिपोर्ट सामने आने से मरीज परेशान हैं।
मरीजों को प्लेटलेट्स बढ़ाने वाली दवा के साथ ही बकरी का दूध पीने, कीवी खाने और पपीते के पत्ते उबालकर पानी पीने की सलाह चिकित्सकों से मिल रही हैं। स्वास्थ्य के प्रति चिंतित रहने वाले लोग बकरी का दूध लेने के लिए बकरी पालकों के पास पहुंचे रहे हैं।
बकरियां कम होने से लोगों को दूध मिलना मुश्किल हो रहा है। पिथौरागढ़ नगर के लोग थल, झूलाघाट, घाट से पपीते के पत्ते मंगवा रहे हैं। 60 रुपये का एक पीस कीवी हर किसी के लिए संभव नहीं हो पा रहा है।
पिथौरागढ़: मानव शरीर में प्लेटलेट्स की संख्या डेढ़ लाख से चार लाख के बीच होनी चाहिए। एक लाख तक भी स्थिति सामान्य मानी जाती है। 50 हजार से कम प्लेटलेट्स होने पर बाह्य और आंतरिक रक्तस्राव की आशंका रहती है।
डेंगू की मामलों में कई बार प्लेटलेट्स काफी कम हो जाती हैं। पिथौरागढ़ जनपद में दो माह पूर्व गाजियाबाद से आए एक व्यक्ति में डेंगू मिला था, जिसे उपचार के बाद घर भेज दिया गया।
डेंगू के अलावा कई बार वायरल में भी प्लेटलेट्स कम हो जाती हैं। प्लेटलेट्स कम होने पर मरीज को सतर्क रहना चाहिए और उचित उपचार लेना चाहिए। – डॉ0- जेएस नबियाल, पीएमएस, जिला चिकित्सालय